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सरकार ने राज्य चुनाव आयोग को सौंपी रिपोर्ट, पुलिस की निगरानी में ही होंगे पंचायत चुनाव
58,467 बूथों पर तैनाती के लिए राज्य सरकार के पास मात्र 60 हजार जवान कोलकाता : राज्य में 14 मई को होनेवाले पंचायत चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था एक बड़ी समस्या बन गयी है. इसी बीच, राज्य सरकार ने राज्य चुनाव आयोग को दिये गये पत्र में कहा है कि पंचायत चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था का […]
58,467 बूथों पर तैनाती के लिए राज्य सरकार के पास मात्र 60 हजार जवान
कोलकाता : राज्य में 14 मई को होनेवाले पंचायत चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था एक बड़ी समस्या बन गयी है. इसी बीच, राज्य सरकार ने राज्य चुनाव आयोग को दिये गये पत्र में कहा है कि पंचायत चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा राज्य पुलिस को सौंपा गया है. राज्य पुलिस की संख्या के आधार पर ही पुलिस जवानों को तैनात करने की योजना बनायी जा रही है. हालांकि, इस संबंध में राज्य सरकार के किसी भी अधिकारी ने विस्तृत रिपोर्ट देने से इनकार कर दिया है.
राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा चुनाव आयोग को भेजी गयी रिपोर्ट में केंद्रीय सुरक्षा बल का उल्लेख नहीं किया गया है, जबकि अन्य राज्यों से सशस्त्र पुलिस जवान लाने की बात कही गयी है. लेकिन पंचायत चुनाव में बाहरी राज्यों से सशस्त्र पुलिस बल की कितनी कंपनियां आ रही हैं, इसका उल्लेख नहीं किया गया है. यानी राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को मिला कर कुल जितने भी सुरक्षा बल व पुलिस के जवान हैं, उन पर ही भरोसा करते हुए सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती की जायेगी.
गौरतलब है कि राज्य में लगभग 46,000 सशस्त्र पुलिस जवान हैं, जबकि कोलकाता पुलिस में 12 हजार सशस्त्र पुलिसकर्मी हैं. वहीं, आबकारी, वन, जेल विभाग में कुल मिला कर कुल दो हजार जवान हैं
कोर्ट का पंचायत चुनाव में हस्तक्षेप से इनकार, आयोग को फटकार
पंचायत मामले की सुनवाई हाइकोर्ट में टली
कोलकाता. पंचायत मामले की सुनवाई हाइकोर्ट में फिर टल गयी है. मंगलवार को फिर से सुनवाई मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य व न्यायाधीश अरिजीत बंद्योपाध्याय की खंडपीठ में होगी.
शुक्रवार को ही मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में पंचायत चुनाव मामले की सुनवाई थी, लेकिन यह नहीं हो सका. इसकी वजह है कि पंचायत चुनाव संबंधी अन्य दो मामले की सुनवाई व निपटारा हाइकोर्ट की अन्य खंडपीठ में नहीं हुआ था. ऐसी स्थिति में विचाराधीन मामलों का सुनवाई पूरी होने तक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने उक्त मामले को स्थगित कर दिया.
अन्य बेंच के मामलों के फैसलों को देखकर फिर फैसला लिया जायेगा. इधर, अन्य मामले की सुनवाई में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित पंचायत चुनाव के कार्यक्रम में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया.
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