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हार की आशंका से डरे विरोधी दल: ममता

कोलकाता : पंचायत चुनाव को लेकर कानूनी बाधाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. राज्य में एक मई से तीन चरणों में पंचायत चुनाव होना है, लेकिन तय दिनों में पंचायत चुनाव होगा या नहीं, इसे लेकर असमंजस बना हुआ है. कानूनी लड़ाई की वजह से पंचायत चुनाव अधर में लटक गया है. इससे मुख्यमंत्री ममता […]

कोलकाता : पंचायत चुनाव को लेकर कानूनी बाधाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. राज्य में एक मई से तीन चरणों में पंचायत चुनाव होना है, लेकिन तय दिनों में पंचायत चुनाव होगा या नहीं, इसे लेकर असमंजस बना हुआ है. कानूनी लड़ाई की वजह से पंचायत चुनाव अधर में लटक गया है. इससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी नाराज हैं.
सोमवार को राज्य सचिवालय के सामने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी राजनीतिक पार्टी चुनाव प्रक्रिया के बाद ही सत्ता में आती है, लेकिन आश्चर्य की बात है कि यहां की विरोधी पार्टियां चुनाव ही नहीं चाहतीं. उन्होंने विरोधी पार्टियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन लोगों की राज्य में स्थिति ऐसी है कि वह यहां चुनाव ही कराना नहीं चाहते. वह जानते हैं कि मतदान कराने पर उनकी ताकत का पता चल जायेगा, इसलिए डर की वजह से वह चुनाव ही नहीं कराना चाहते. हालांकि, मुख्यमंत्री ने कोर्ट के फैसले के संबंध में कोई भी टिप्पणी नहीं की.
उन्होंने कहा कि माकपा, कांग्रेस व भाजपा अभी गहरे मित्र हो गये हैं. इनके नेता दिल्ली में आपस में लड़ते हैं, लेकिन बंगाल में तीन पार्टी के नेता एक हो गये हैं. माकपा, कांग्रेस व भाजपा तीनों ही पार्टी के नेता सिर्फ मीडिया में बने रहने के लिए हिंसा की राजनीति कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द से जल्द पंचायत चुनाव को संपन्न कराना चाहती है, क्योंकि राज्य में अभी कोड ऑफ कंडक्ट लागूू है. ऐसी परिस्थिति में किसी भी नयी योजना की ना ही घोषणा की जा सकती है और ना ही कोई नया फैसला लिया जा सकता है.
कई याेजनाओं का काम अधर में अटक गया है. वह भी रोजाना राज्य सचिवालय आ रही हैं. जिलों में जाकर योजनाओं की समीक्षा तक नहीं कर पा रहीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम 15 मई के अंदर पंचायत चुनाव प्रक्रिया खत्म करना चाहते थे, क्योंकि मई महीने के बाद यहां गर्मी और बढ़ जायेगी और तपती गर्मी में चुनाव कराना संभव नहीं होगा.
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा ने वोट प्रक्रिया को बाधित करने के लिए जान-बूझ कर कानूनी लड़ाई छेड़ी है. यह साजिश के तहत किया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले पंचायत चुनाव में भाजपा के 11 हजार उम्मीदवारों ने नामांकन भरा था और इस बार यह संख्या 35 से 40 हजार के बीच है. इसके बावजूद वह नामांकन प्रक्रिया में हिंसा का झूठा आरोप लगा रहे हैं. यह लोग हिंसा का झूठा नाटक रच कर पंचायत चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य के एसडीओ व डीएम अपना काम कर रहे हैं, लोगों के साथ मिल कर पंचायत चुनाव को संपन्न कराने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन विरोधी पार्टियां ऐसी राजनीति कर रही हैं, जिससे चुनाव प्रक्रिया ही बाधित हो जाये. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की राजनीति वही कर सकता है, जो राज्य की उन्नति नहीं चाहता. साथ ही उन्होंने विराेधी पार्टियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वह उनके मनसूबों को पूरा नहीं होने देंगी. उनके खिलाफ पूरे राज्य भर में प्रचार अभियान चलाया जायेगा.

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