दो सप्ताह से दक्षिण कोलकाता के आठ वार्डों में फैला है डायरिया का प्रकोप
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पानी बेचनेवाली कंपनियों पर कार्रवाई करेगा नगर निगम
दो सप्ताह से दक्षिण कोलकाता के आठ वार्डों में फैला है डायरिया का प्रकोप प्रभावित इलाकों के अधिकतर लोग 20-40 लीटर के बोतलबंद पानी का करते हैं इस्तेमाल बोतलबंद पानी में मिले हैं कॉलीफार्म बैक्टीरिया कोलकाता : गत दो सप्ताह से दक्षिण कोलकाता के आठ वार्डों में डायरिया का प्रकोप फैला हुआ है. हालांकि अब […]
प्रभावित इलाकों के अधिकतर लोग 20-40 लीटर के बोतलबंद पानी का करते हैं इस्तेमाल
बोतलबंद पानी में मिले हैं कॉलीफार्म बैक्टीरिया
कोलकाता : गत दो सप्ताह से दक्षिण कोलकाता के आठ वार्डों में डायरिया का प्रकोप फैला हुआ है. हालांकि अब धीरे -धीरे स्थिति सामान्य हो रही है. इधर, स्वास्थ्य भवन की रिपोर्ट से यह साबित हो गया है कि दूषित पानी पीने के कारण ही लोग डायरिया के शिकार हुए. इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद अब कोलकाता नगर निगम खुद को बचाने के लिए स्थानीय स्तर पर तैयार किये जाने वाले बोतल बंद पानी कंपनियों पर दोष मढ़ने की कोशिश में हैं. सोमवार को मेयर शोभन चटर्जी ने निगम में संवाददातोओं को बताया कि प्रभावित इलाकों के अधिकांश लोग 20-40 लीटर के बोतल बंद पानी का इस्तेमाल पीने के लिए करते हैं.
जांच में हमें ऐसे पेयजल से भी कॉलीफार्म बैक्टीरिया मिले हैं. इसलिए ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना तैयार की गयी है. उन्होंने कहा कि इस मसले को लेकर कोलकाता पुलिस के आयुक्त से चर्चा भी की गयी है. अभियान चलाने के लिए टीम तैयार करने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि
बोतल बंद मिनरल वाटर के खिलाफ महानगर में विभिन्न जगहों पर अभियान चलाया जा रहा है. निगम के फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर तथा इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट के अधिकारी संयुक्त रूप से अभियान को चला रहे हैं. वहीं निगम के बस्ती व अन्य विभाग से मदद ली जा रही है. उन्होंने बताया कि कुछ जगहों पर पानी की पाइप लाइन में हमें लिकेज भी मिले हैं जिसकी मरम्मत भी कर दी गयी है.
चलेगा अभियान : एमएमआइसी
मेयर परिषद सदस्य अतिन घोष ने बताया कि इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट तथा निगम के फूड सेफ्टी विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से मंगलवार को प्रभावित इलाकों में बोतल बंद पानी तैयार करने वाली कंपनियों के खिलाफ अभियान चलायेंगेे.
सर्विस पाइप लाइन में मिला कॉलीफार्म बैक्टीरिया
निगम के एक अधिकारी ने बताया कि निगम के सर्विस धापा तथा जय हिंद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से सप्लाई पानी की जांच की गयी है, लेकिन कहीं कोई बैक्टीरिया नहीं मिला है लेकिन घर में लगे नलकूप से संग्रह किए गये नमूनों में कॉलीफार्म मिला है. यानी यह साफ है कि घरों में लगाया गयी सर्विस लाइन में गड़बड़ी है. सफाई के अभाव में कॉलीफार्म पनप रहा है. विभिन्न घरों के वाटर टैंक से लिए गये नमूनों से भी कॉलीफार्म मिला है.
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