कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएनबी घोटाले को लेकर केंद्र सरकार पर जम कर हमला बोला है. सुश्री बनर्जी ने शुक्रवार को ट्वीट करके कहा : जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड हैं और जिन्हें ऋण मिलनी चाहिए. उन्हें ऋण देने से इनकार किया जाता है. और अब कुछ वीआइपी बैंक ग्राहक देश को लूट रहे हैं. स्व सहायता समूह, जो छोटे कारोबार चलाते हैं और आमलोगों को ऋण की सुविधा से महरूम रखा जाता है. इसके बावजूद विशेष लोगों को करोड़ों हजार रुपये का ऋण दिया जा रहा है.
यह घोटाला क्यों? सुश्री बनर्जी ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा और प्रस्तावित एफआरडीआइ बिल वापस लेने की मांग की. सुश्री बनर्जी ने श्री जेटली को लिखे पत्र में कहा कि एफआरडीआइ बिल के संबंधित उनके पत्र के जवाब में वित्त व जहाजरानी राज्य मंत्री श्री राधाकृष्णन का का जवाबी पत्र मिला है. केंद्र सरकार कह रही है कि यह विधेयक निवेशकों के हित में है और इससे निवेशकों को अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी. वित्तीय संस्थाओं को वित्तीय संकट की स्थिति में इस विधेयक में निपटने का प्रावधान किया गया है. सुश्री बनर्जी ने कहा कि वह केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के वक्तव्य से सहमत नहीं हैं.
वह विधेयक पूरी तरह से उलटा है. इस विधेयक में तानाशाही प्रावधान को शामिल किया गया है, जिसके जरिये आमलोगों की गाढ़ी कमाई से संचित जमा धन पर हथियाना है और ऋण लेकर बैंकों को चूना लगानेवालों को सुरक्षा प्रदान करना है. उन्होंने कहा कि इस प्रस्तावित विधेयक से जमाकर्ताओं को तबाह किया जा सकता है. इस विधेयक के माध्यम से जमाकर्ताओं की राशि को बैंक के शेयर में बदला जा सकता है. जमा की प्रकृति को बदल सकता है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों का समाधान नहीं किया, बल्कि उनकी पूरी तरह से अवहेलना की है तथा सार्वजनिक बैंकों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया है. यह विधेयक आमलोगों के हित के खिलाफ है. हाल में पीएनबी में 11000 करोड़ रुपये के घोटाले ने उनकी बातों की सत्यता को प्रमाणित किया है.