कोलकाता : मात्र 16 साल की उम्र में ही जाह्नवी श्रीपेरम्बद्रु ने अपने मिशन सेवन समिट के तहत विश्व के सबसे सर्वोच्च चार शिखरों की चढ़ाई सफलतापूर्वक पूरी की है. तेलंगाना राज्य के हैदराबाद की रहने वाली जाह्नवी ने केवल 10 महीनों की तैयारी में ही यह असंभव कार्य पूरा किया है. जिन शिखरों पर उसने अपने अपराजेय मनोबल व साहस से चढ़ाई कर विश्व कीर्तिमान बनाया है,
उनमें अफ्रीका का माउंट किलिमंजारो, यूरोप का माउंट एलब्रुस, आस्ट्रेलिया का माउंट कोशियोजोको, उत्तर अमेरिका का माउंट डेनाली शामिल है. इसके बाद वह अब दक्षिण अमेरिका के माउंट अकोनागुआ, एशिया के माउंट एवरेस्ट व अंटार्टिका के माउंट विनसन मसीफ पर चढ़ने की तैयारियों में व्यस्त है. वह इसके अलावा भारत के स्टोक कनारी, रूपकुंड ट्रैक, नेपाल के याला पीक, आइसलैंड पीक व एवरेस्ट बेस कैंप पर चढ़ाई कर चुकी है.
पर्वतारोहण के लिए देती है प्रशिक्षण : अपने पर्वतारोही पिता कृष्णा राव की प्रेरणा से वह इस उम्र में ही ऊंचाइयों को छूने के कार्य में जुट गयी. वह 7 से लेकर 16 साल तक के बच्चों को पर्वतारोहण का प्रशिक्षण देने के साथ गाइड का काम भी करती है. इसके लिए उसने जाह्नवी फाउंडेशन भी बनया है, जिसके माध्यम से वह युवाओं को पर्वतारोहण के प्रति प्रेरित करती है. उसने अपने इस मिशन का नाम ‘वन स्टेप, वन डॉलर’ रखा है.
उसके गुरु व द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित ओलिंपिक कोच नागपुरी रमेश कहते हैं कि वह कभी भी पीछे हटने वाले लोगों में नहीं है, जिसकी वजह से ही इस उम्र में उसने यह कीर्तिमान स्थापित करने में सफलता प्राप्त की है. इस फाउंडेशन के माध्यम से पर्वतारोहण को प्रेरित करने के लिए वह लोगाें से आर्थिक सहायता भी लेती है. इसमें दान करनेवालों को आयकर के प्रावधान के तहत छूट भी मिलती है. इस पैसे का उपयोग व बच्चों को पर्वतारोहण के लिए प्रेरित करने में करती है.