बंगाल में पहले से चल रहा है स्वास्थ्य बीमा
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केंद्र की बीमा योजना से बंगाल अलग ,ममता ने कहा- संसाधन बर्बाद नहीं करेंगे
बंगाल में पहले से चल रहा है स्वास्थ्य बीमा कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र को साफ कह दिया है कि वह स्वास्थ्य बीमा में अपने प्रदेश का पैसा नहीं लगायेगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की ‘मोदी केयर’ योजना से बाहर रहने का फैसला किया है. उनका कहना है कि बंगाल सरकार […]
कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र को साफ कह दिया है कि वह स्वास्थ्य बीमा में अपने प्रदेश का पैसा नहीं लगायेगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की ‘मोदी केयर’ योजना से बाहर रहने का फैसला किया है. उनका कहना है कि बंगाल सरकार स्वस्थ साथी प्रोग्राम के जरिये पहले ही 50 लाख लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस दे रही है इसलिए वह अब कोई नयी योजना के लिए अपना पैसा नहीं लगायेगी.
ममता बनर्जी की इस घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल केंद्र सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना से हाथ खींचने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.
केंद्र की बीमा योजना…
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र एक हेल्थ प्लान लाने जा रहा है, जिसमें राज्यों को 40 प्रतिशत फंड देना होगा लेकिन अगर राज्य में पहले से ही ऐसा हेल्थ प्रोग्राम चल रहा है, तो हम अपने संसाधनों और पैसे को ऐसी ही एक और योजना पर क्यों बर्बाद करें? अगर राज्य के पास संसाधन होगा, तो वह अपनी ही स्कीम शुरू करेगी.
बता दें कि केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम (एनएचपीएस) की घोषणा की थी. उनका दावा था कि दुनिया की इस सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना के तहत इतनी बड़ी आबादी हेल्थ इंश्योरेंस दिया जायेगा, जितना अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस मिलकर देते हैं. अब मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना पर असमंजस के बादल मंडराने लगे हैं.
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