हावड़ा : एशिया के सबसे बड़े लोहे के बाजार में आग लगने के बाद अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया. बीमार लोगों के परिजन अपने लोगों को तलाशते नजर आये. गैस रिसाव की चपेट में आते ही एक-एक करके लोग अस्वस्थ हो गये. हालात कुछ इस कदर हो गयी कि कौन किसको अस्पताल पहुंचायेगा. लोग इधर-उधर भागने लगे. इसी स्थानीय पार्षदों के साथ-साथ वार्ड के सारे कार्यकर्ता पहुंचे आैर बीमार लोगों को लेकर अस्पताल के लिए रवाना हुए. इस दौरान एंबुलेस की कम पड़ गये.
सिटी पुलिस के एंबुलेस को बुलाया गया. इलाके के सभी टोटो चालकों को घटनास्थल पर रहने के लिए कहा गया. जिसको जो साधन मिला, वह उसी वाहन में बैठकर अस्पताल के लिए रवाना हुआ. कुछ ही देर में टीएल जायसवाल अस्पतालों में मरीजों की भीड़ जुट गयी जिससे लोगों को अन्य अस्पतालों में रेफर करना पड़ा. लोगों के आंखों का जलन आैर सांस लेने की तकलीफ कम नहीं हो रही थी. स्थानीय लोग नाक में कपड़ा बांध कर मौके पर पहुंचे आैर लोगों को अस्पताल पहुंचाया.
आक्सीजन की कमी न हो, इसके लिए विभिन्न जगहों से आक्सीजन सिलींडरों को मंगवाया गया. दोपहर 12 बजे टैंक को जगन्नाथ घाट लेकर गये और वहां गंगा नदी में फेंक दिया. लेकिन गंगा नदी में गैस टंकी को फेंकने से पानी प्रदूषित हो गया, इसलिए तुरंत बाली अंचल के पेयजल की आपूर्ति बंद कर दी गयी. यहां पेयजल संकट को दूर करने के लिए हावड़ा नगर निगम की ओर से फिल्टर प्लांट लगाये गये हैं. घटना की खबर पाकर बाली की विधायक वैशाली डालमिया भी टीएल जायसवाल अस्पताल पहुंचीं.