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एचआइवी व हेपेटाइटिस वायरस की विविधता का होगा अध्ययन

वाइआर गायतोंडे सेंटर ऑफ एड्स रिसर्च एंड एजुकेशन ने एबॉट के साथ किया करार भारत में फिलहाल 21 लाख लोग हैं एचआइवी से पीड़ित कोलकाता : एचआइवी और हैपेटाइटिस वायरस से लड़ने में भारत के प्रयासों को सुदृढ़ करते हुए एबॉट ने वाईआर गायतोंडे सेंटर फॉर एड्स रिसर्च एंड एजूकेशन (वाईआरजीकेयर) के साथ अपनी साझेदारी […]

वाइआर गायतोंडे सेंटर ऑफ एड्स रिसर्च एंड एजुकेशन ने एबॉट के साथ किया करार

भारत में फिलहाल 21 लाख लोग हैं एचआइवी से पीड़ित
कोलकाता : एचआइवी और हैपेटाइटिस वायरस से लड़ने में भारत के प्रयासों को सुदृढ़ करते हुए एबॉट ने वाईआर गायतोंडे सेंटर फॉर एड्स रिसर्च एंड एजूकेशन (वाईआरजीकेयर) के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की है. इसके तहत देश की वायरल विविधता का अध्ययन किया जायेगा, ताकि डायग्नोस्टिक परीक्षणों की सटीकता में सुधार लाया जा सके.
एबॉट स्टडी प्रोटोकॉल और जांच उपकरण प्रदान करेगा, जबकि वाईआरजीकेयर द्वारा स्क्रीनिंग और देश में संक्रमित आबादी से मरीजों के आंकड़े एकत्र करने में मदद की जायेगी. इस संबंध में वाइआरजीकेयर के चेयरमैन डॉ सुनील सुहास सोलोमन ने कहा कि भारत में ड्रग का इस्तेमाल करने वाली आबादी या पीडब्लूआइडी में एचआईवी और एचसीवी का गैर-आनुपातिक बोझ है और इस समूह में संप्रेषण को समझना महत्वपूर्ण है.
इन संक्रमित आबादी में डेटा को सीक्वेंस के अनुसार एकत्र करने से हमें विषाणुओं की प्रकृति को समझने में सहायता मिलेगी. इस तरह सर्वाधिक प्रभाव डालने के लिए इलाज में अधिक से अधिक हस्तक्षेप किया जा सकेगा. गौरतलब है कि भारत में 21 लाख से भी अधिक लोग एचआइवी से पीड़ित हैं और दुनिया भर में यह एचआइवी मामले में तीसरे स्थान पर है. इसका बड़ा हिस्सा हैपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी) से भी संक्रमित है, जिन लोगों के ड्रग्स (पीडब्लूआइडी) दी जाती है.
यौन कर्मचारी इन बीमारियों से सबसे अधिक प्रभावित हैं और इनमें बढ़ोत्तरी जारी है. इस साझेदारी के बारे में डॉ सुशील देवारे, निदेशक (डायग्नोस्टिक्स रिसर्च) एबॉट ने कहा कि एचआइवी और वायरल हैपेटाइटिस से हमारी लड़ाई में, हमें वाईआरजीकेयर के साथ सहयोग करके खुशी हो रही है, क्योंकि ये ऐड्स शोध में अग्रणी हैं और इन्हें देशभर में एचआईवी के मरीजों को समझने का व्यापक अनुभव भी है.

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