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बंगाल ने देश को हर क्षेत्र में कुछ दिया है

विज्ञान कांग्रेस l प्रोफेसर सत्येंद्र नाथ बोस की 125वीं जयंती पर पीएम की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, बोले कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को महान वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोस की जयंती पर दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोलकता में बोस इंस्टीट्यूट के कार्यक्रम में बंगाल के लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि […]

विज्ञान कांग्रेस l प्रोफेसर सत्येंद्र नाथ बोस की 125वीं जयंती पर पीएम की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, बोले
कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को महान वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोस की जयंती पर दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोलकता में बोस इंस्टीट्यूट के कार्यक्रम में बंगाल के लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन की बात हो, साहित्य हो, विज्ञान हो, खेल हो, हर क्षेत्र में बंगाल के ‘जल और मिट्टी’ का प्रभाव स्पष्ट नजर आता है. स्वामी रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, गुरुवर रवींद्र नाथ टैगोर, सुभाष चंद्र बोस, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, बंकिम चंद्र- शरद चंद्र, सत्यजीत रे, आप किसी भी फील्ड का नाम लीजिए, बंगाल का कोई न कोई सितारा वहां चमकता दिखेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सत्येंद्र नाथ बोस का नाम विज्ञान के इतिहास में अवधारणाओं और पदों जैसे बोस सांख्यिकी, बोस आइंस्टीन कंडेनसेशन और हिग्स बोसोन के चलते अमर हो गया है.
प्रधानमंत्री ने विज्ञान संबंधी संवाद में बड़े पैमाने पर भारतीय भाषाओं का इस्तेमाल करने की वकालत की ताकि युवाओं में विज्ञान के प्रति लगाव विकसित किया जा सके. उन्होंने कहा कि भाषा को अवरोधक नहीं बल्कि प्रेरक बनना चाहिए. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि देश में हर वैज्ञानिक और अनुसंधानकर्ता को नये भारत के लिए नवाचार और अनुसंधान करना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं को अपने ज्ञान और अनुसंधान का इस्तेमाल जनता के फायदे और उनकी सामाजिक-आर्थिक जरुरतों के लिए करना चाहिए. पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत बांग्ला में की और राज्य की जनता को नये साल की मुबारकबाद दी. उन्होंने कहा, युवाओं के बीच विज्ञान की समझ और उसके प्रति प्रेम बढ़ाने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम विज्ञान से जुड़े संवाद को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करें. इस संबंध में भाषा को अवरोधक नहीं, बल्कि इसे वाहक बनाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में महत्वपूर्ण है कि किसी भी नवोन्मेष या अनुसंधान के अंतिम परिणाम को उसके माध्यम से गरीबों के जीवन पर पड़ने वाले अच्छे प्रभावों के आधार पर आंका जाये. उन्होंने स्टार्ट-अप इंडिया और कौशल विकास मिशन जैसी केंद्र की पहलों का भी जिक्र किया.

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