घटना में शामिल अपने दूसरे साथी के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दे रहा है. इसके कारण उसे फिर से पुलिस हिरासत में भेजने की जरूरत है. वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि इसके पहले सरकारी वकील ने अदालत में कहा था कि मनोज पूछताछ में काफी मदद कर रहा है. उसने अपने एक साथी के नाम का भी खुलासा किया है.
लेकिन इस बार वह मनोज पर मदद नहीं करने का अारोप लगा रहे हैं. इससे स्पष्ट होता है कि पुलिस के पास अब जांच के लिए इस मामले में कुछ भी नहीं है. इस कारण मनोज को जमानत दी जाये. दोनों पक्ष की बातों को सुनने के बाद अदालत ने मनोज को दो दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया. ज्ञात हो कि एमपी बिरला स्कूल में तीन महीने पहले एक तीन वर्ष की बच्ची के यौन शोषण का शिकार होने का खुलासा हुआ था. अभिभावकों के प्रदर्शन के बाद पुलिस ने स्कूल कर्मचारी मनोज मान्ना को गिरफ्तार किया था.