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स्वास्थ्य साथी बीमा के लिए नहीं मिले पूरे आवेदन
कोलकाता : राज्य सरकार द्वारा कुछ समय पहले ही यह घोषणा की गयी कि अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों को ग्रुप स्वास्थ्य बीमा योजना स्वास्थ्य साथी से जोड़ा जायेगा. इस योजना के लिए राज्य सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल के शिक्षक रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इसमें 30 प्रतिशत से भी कम […]
कोलकाता : राज्य सरकार द्वारा कुछ समय पहले ही यह घोषणा की गयी कि अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों को ग्रुप स्वास्थ्य बीमा योजना स्वास्थ्य साथी से जोड़ा जायेगा. इस योजना के लिए राज्य सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल के शिक्षक रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इसमें 30 प्रतिशत से भी कम शिक्षकों ने ही इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया है. ज्यादातर शिक्षकों ने आवेदन ही नहीं किया है. इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इसमें आवेदन करने के लिए शिक्षक इच्छुक नहीं हैं.
कुछ शिक्षक 2014 में सभी कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए शुरू की गयी कैशलेस मेडिकल उपचार योजना का लाभ उठाने के लिए रुचि दिखा रहे हैं. यह योजना राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए शुरू की गयी है. सरकारी स्कूल जैसे हिंदू व हेयर स्कूल के शिक्षक पश्चिम बंगाल हेल्थ स्कीम के तहत लाभ उठा सकते हैं, बाकी शिक्षक नहीं. कुछ शिक्षकों का कहना है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए योजना का मतलब है, उन्हें स्वास्थ्य साथी योजना से भी अधिक बेहतर सुविधाएं देना.
स्वास्थ्य साथी, वास्तव में असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए शुरू की गयी एक योजना है. इसमें कर्मचारी व उसके परिवार के सदस्यों के उपचार के लिए 1.5 लाख रुपये का बीमा दिया गया है. इसके अलावा क्रिटिकल बीमारी जैसे, हार्ट, लीवर, किडनी से जुड़े रोग व कैंसर जैसे रोग शामिल हैं. वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य योजना के अंदर कवरेज की कोई सीमा नहीं है. इसमें उपचार के लिए मिलनेवाली राशि की कोई सीमा नहीं है.
ऑल बंगाल टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव का कहना है कि राज्य के कई स्कूलों के शिक्षक संगठनों की तुलना में एबीटीए के सबसे अधिक सदस्य हैं. हमारे सदस्य भी इसमें कोई रुचि नहीं ले रहे हैं. वहीं, दूसरे टीएमसी शिक्षक संगठन के एक सदस्य ने बताया कि सरकार की स्वास्थ्य साथी योजना से हम सहमत नहीं हैं. हमने शिक्षा विभाग से इस फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की है. हम चाहते हैं कि वेस्ट बंगाल हेल्थ स्कीम के तहत उन्हें रखा जाये. मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों को स्वास्थ्य साथी योजना में शामिल करने की बात कही थी. ज्यादातर जिलों में, शिक्षकों को इस योजना में नवंबर तक नामांकन करने के लिए कहा गया था, लेकिन अब तक काफी शिक्षकों ने नहीं किया है.
शिक्षकों को प्रत्येक महीने मिलता है 300 रुपये का चिकित्सा भत्ता
राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त स्कूलोें के शिक्षकों को अब प्रत्येक महीने में 300 रुपये का चिकित्सा भत्ता भी दिया जाता है. जो अब तक स्वास्थ्य साथी योजना से नहीं जुड़ पाये हैं, उन्हें लगातार पैसा मिलता रहेगा. कुछ शिक्षकों का कहना है कि स्वास्थ्य साथी से कहीं ज्यादा बेहतर, पश्चिम बंगाल हेल्थ स्कीम है, जो शिक्षकों को अन्य लाभ भी प्रदान करती है. वेस्ट बंगाल हेल्थ स्कीम में कई निजी अस्पतालों से भी कर्मचारियों को लाभ मिलता है, जबकि स्वास्थ्य साथी में ऐसा नहीं है. इसमें शहर के एकाध अस्पताल ही शामिल हैं. स्वास्थ्य साथी योजना में 18 साल तक लाभ होगा, जबकि हेल्थ स्कीम में कर्मचारियों की बेटियों को 25 साल की उम्र तक लाभ मिलता रहेगा. इसी को लेकर शिक्षकों में असहमति है.
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