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निजी तकनीकी संस्थान शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखें : पार्थ

कोलकाता. राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि बंगाल में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ युवाओं की दक्षता विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है. प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में शैक्षणिक स्तर बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की गयी हैं. बंगाल में प्रतिभा की कमी नहीं है. तकनीकी […]

कोलकाता. राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि बंगाल में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ युवाओं की दक्षता विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है. प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में शैक्षणिक स्तर बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की गयी हैं. बंगाल में प्रतिभा की कमी नहीं है. तकनीकी शिक्षा पर जोर देने के साथ युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार के लिए तैयार किया जा रहा है. विकास के लिए दक्ष श्रमशक्ति की जरूरत है.

मंत्री ने सभी निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों से अपील की कि वे संस्थानों में मजूबत इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ शिक्षा की गुणवत्ता व स्तर बनाये रखें, ताकि छात्रों को पढ़ने के लिए बाहर न जाना पड़े. संस्थानों से बेहतरीन इंजीनियर, फार्मेसिस्ट व दंत चिकित्सक तैयार होंगे, तभी उनको अच्छा रोजगार मिलेगा. निजी संस्थान यह बात हमेशा ध्यान में रखें.

शनिवार को मां, माटी मानुष मैग्जीन द्वारा-बंगाल में उच्च व कारीगरी शिक्षा का प्रसार-विषय पर आयोजित एक सेमिनार में मंत्री ने राज्य सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि बंगाल में 47 नये कॉलेज व 23 नये विश्वविद्यालय खोले गये हैं. राज्य में कॉलेज में 6,000 शिक्षकों की नियुक्ति के साथ एक लाख शिक्षक नियुक्त किये गये हैं. छात्रों को तकनीकी व व्यावसायिक प्रशिक्षण देने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि उनके रोजगार की भी व्यवस्था की जा सके. लड़कियों की शिक्षा के लिए कन्याश्री योजना काफी सफल रही है. राज्य के तकनीकी शिक्षण संस्थानों में बाहर से भी लगभग 12,000 छात्र हाल ही में यहां पढ़ने आये हैं.

‘सेंटर फॉर लर्निंग’ को ‘सेंटर फॉर अर्निंग’ ना बनायें
पार्थ चटर्जी ने कहा कि निजी तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों को कमाई के केंद्र में नहीं बदला जाना चाहिए, बल्कि अध्ययन के केंद्र बनने पर फोकस करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सेंटर फॉर लर्निंग को सेंटर फॉर अर्निंग का रूप दिया जा रहा है. जबकि निजी संस्थानों को केवल बाह्य रूप संवारने पर नहीं, बल्कि अपने पाठ्यक्रमों को उन्नत करने पर और जोर देना चाहिए. निजी संस्थानों के लिए उनका यह कहना है कि कई जगहों पर आधारभूत संरचना ही नहीं है.
तकनीकी शिक्षा मंत्री पूर्णेन्दु बसु ने कहा कि 2016 से ही वोकेशनल ट्रेनिंग पर जोर दिया जा रहा है. राज्य में अब 40 की जगह 80 पोलेटेक्नीक कॉलेज हो गये हैं. वोकेशनल ट्रेनिंग के साथ उद्योगों के साथ मिलकर छात्रों की दक्षता पर जोर दिया जा रहा है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें. आशुतोष सेनेटरी हॉल में आयोजित सेमिनार में वाइस चांसलर सैकत मित्रा, जेआइएस ग्रुप के डाइरेक्टर तरणजीत सिंह व अन्य उपस्थित रहे.

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