घाट आैर गार्डन बनाने का काम शुरू हो चुका है, जबकि तालाब के सौंदर्यीकरण का काम मंगलवार से शुरू हुआ. सिमुलतला घाट के लिए एचआइटी से तीन चरणों में करीब 65 लाख, जबकि तालाब आैर गार्डन के लिए राशि हावड़ा नगर निगम की ओर से दी गयी है. 23 लाख रुपये तालाब के लिए आैर 11 लाख रुपये की लागत से गार्डन बनाया जा रहा है.
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सिमुलतला घाट पर होंगे चेंजिंग रूम व शौचालय
हावड़ा : नगर निगम के वार्ड नंबर 60 में सौंर्दयीकरण का काम शुरू हो गया है. करीब एक करोड़ की राशि इस वार्ड के लिए आवंटित की गयी है. इस राशि से बदहाल सिमुलतला घाट का नवीनीकरण, गिरीश घोष रोड में गार्डन आैर जल धरो-जल भरो योजना के तहत घुसड़ी गवर्मेंट कॉलोनी में बेकार पड़े […]
हावड़ा : नगर निगम के वार्ड नंबर 60 में सौंर्दयीकरण का काम शुरू हो गया है. करीब एक करोड़ की राशि इस वार्ड के लिए आवंटित की गयी है. इस राशि से बदहाल सिमुलतला घाट का नवीनीकरण, गिरीश घोष रोड में गार्डन आैर जल धरो-जल भरो योजना के तहत घुसड़ी गवर्मेंट कॉलोनी में बेकार पड़े तालाब का सौंदर्यीकरण किया जायेगा.
छठ व्रतियों के लिए बनाया जा रहा है घाट पर बेदी
वार्ड नंबर 60 हिंदी भाषी क्षेत्र है. 65 फीसदी से अधिक यहां हिंदी भाषी लोग रहते हैं. इस वार्ड में छठपूजा करनेवाले व्रतियों की संख्या अधिक है, लेकिन सिमुलतला घाट में सुविधाओं का अभाव है. प्रत्येक साल यहां छठ पूजा में भारी भीड़ उमड़ती है. व्रतियों की सुविधा के लिए घाट का नवीनीकरण किया जा रहा है. इस बाबत बेदी, महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम आैर शौचालय बनाये जा रहे हैं. घाट पर नये सिरे से लाइटें लगायी जा रही हैं. घाट के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे भी लगाये जायेंगे, ताकि सुरक्षा व्यवस्था दुरूस्त रहे.
गिरीश घोष रोड पर बन रहा है गार्डन
गिरीश घोष रोड पर नगर निगम की ओर से गार्डन बनाया जा रहा है. इसका नाम शहीद भगत सिंह के पर रखा जायेगा. काम शुरू हो चुका है. निगम ने इसके लिए 11 लाख रुपये की राशि आवंटित की है. गार्डन के बीच भगत सिंह की मूर्ति भी स्थापित की जायेगी.
घुसुड़ी गवर्मेंट कॉलोनी में तालाब का सौंदर्यीकरण शुरू
मंगलवार से जल धरो-जल भरो योजना के तहत बेकार पड़े इस तालाब की सफाई शुरू कर दी गयी. निगम ने इसके लिए 23 लाख रुपये दिये हैं. यह तालाब करीब ढाई बीघे क्षेत्रफल में फैला हुआ है. तालाब के आस-पास बैठने की जगह बनायी जायेगी. वर्षों से यह तालाब बेकार पड़ा है.
सिमुलतल्ला घाट को नये सिरे से बनाना मेरे लिए चुनौती भरा काम था. आखिरकार, काम शुरू हुआ. सबसे अधिक परेशानी छठ पूजा में होती है. घाट में बुनियादी सुविधा तक उपलब्ध नहीं है. छठ व्रतियों को परेशानी होती थी. छठ पूजा में इस घाट पर डाला रखने की भी जगह नहीं है. यही कारण है कि एक लंबा बेदी बनाया जा रहा है. गंगा घाट तक जाने वाली सड़कें भी टूटी हुई थीं, उनकी भी मरम्मत करायी गयी है. अगले वर्ष यहां व्रतियों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
सीमा भौमिक, पार्षद, वार्ड-60.
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