कोलकाता: लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर इलाके में पोस्टरिंग करने के दौरान माकपा व तृणमूल कार्यकर्ता आपस में उलझ पड़े. घटना पाटुली इलाके के गांगुली बागान में गुरुवार रात घटी. घटना के बाद तृणमूल की तरफ से माकपा समर्थक के खिलाफ दो शिकायतें दर्ज करायी गयी.
जबकि इसके विरोध में माकपा की तरफ से भी तृणमूल के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करायी गयी. दोनों मामले पर कार्रवाई करते हुए पाटुली थाने की पुलिस ने माकपा समर्थक बुद्धदेव घोष व जयंत चक्रवर्ती और तृणमूल समर्थक पुलक चौधरी व मानिक बनिक को गिरफ्तार कर लिया. घटना को लेकर वरिष्ठ माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती का आरोप है कि इलाके के माकपा नेता बुद्धदेव घोष तृणमूल के अत्याचार के खिलाफ पाटुली थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे, जहां उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने के बदले पुलिस ने खुद शिकायतकर्ता को ही गिरफ्तार कर लिया.
क्या था मामला : माकपा समर्थकों का आरोप है कि पाटुली इलाके के गांगुली बागान में उनके समर्थक इलाके में पोस्टरिंग कर रहे थे. अचानक कुछ तृणमूल समर्थक भी इलाके में पोस्टरिंग कर रहे थे. कुछ ही देर में दोनों पार्टी के समर्थक आपस में उलझ पड़े. दोनों पक्ष के तरफ से एक दूसरे के साथ मारपीट भी हुई. जानकारी पाकर पाटुली थाने की पुलिस वहां पहुंची तो तृणमूल की एक महिला समर्थक ने माकपा नेता बुद्धदेव घोष के खिलाफ छेड़खानी, अपशब्द कहने व सोने का चेन छीनने की शिकायत दर्ज करायी. वहीं माकपा की तरफ से बुद्धदेव घोष तृणमूल समर्थक पुलक चौधरी व मानिक बनिक व अन्य तृणमूल समर्थकों के खिलाफ हथियार दिखा कर मारपीट करने की लिखित शिकायत दर्ज करायी. इसे देख फिर से तृणमूल नेता श्यामल दे की तरफ से माकपा समर्थकों के खिलाफ हथियार दिखा कर धमकाने व मारपीट करने कि शिकायत दर्ज करायी गयी.
दोनों पक्ष के चार समर्थक हुए गिरफ्तार : मामले पर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों पार्टी के चार समर्थकों को गिरफ्तार कर अलीपुर अदालत में पेश भी किया गया. इस घटना के बाद इलाके में दोनों पक्ष के समर्थकों में एक दूसरे के खिलाफ रोष व्याप्त है. पुलिस की इस भूमिका के खिलाफ दोनों पक्ष के तरफ से रोष प्रकट किया जा रहा है.
चुनाव आयोग के पास थाना प्रभारी के खिलाफ शिकायत दर्ज : घटना के बाद माकपा नेताओं की तरफ से पुलिस पर सख्ती बरतने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग के पास लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी है. माकपा नेता रॉबिन देब का कहना है कि मामले की सच्चई को जानने के बावजूद थाना प्रभारी ने माकपा नेता को गिरफ्तार कर लिया. जिसने थाने में न्याय के लिए शिकायत की, पुलिस ने उसी को हिरासत में ले लिया. लिहाजा पुलिस की इस भूमिका के खिलाफ शिकायत की गयी है. चुनाव आयोग ने मामले को गंभीरता से देखने का आश्वासन दिया है.