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पांचवें शिल्प सम्मेलन में राज्य सरकार ने की अपील, उद्योगपति करें राज्य में निवेश

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी में मंगलवार को पांचवां शिल्प सम्मेलन हुआ. इससे पहले भी शिल्प सम्मेलन आयोजित हुआ है. आज के सम्मेलन में राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने कहा कि राज्य सरकार दोनों हाथ बढ़ा कर पूंजीपतियों से निवेश करने की अपील कर रही है. वहीं, उत्तर बंगाल विकास मंत्री रवींद्रनाथ घोष ने इस विषय […]

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी में मंगलवार को पांचवां शिल्प सम्मेलन हुआ. इससे पहले भी शिल्प सम्मेलन आयोजित हुआ है. आज के सम्मेलन में राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने कहा कि राज्य सरकार दोनों हाथ बढ़ा कर पूंजीपतियों से निवेश करने की अपील कर रही है.

वहीं, उत्तर बंगाल विकास मंत्री रवींद्रनाथ घोष ने इस विषय पर रोशनी डालते हुए कहा कि दार्जिलिंग व जलपाईगुड़ी जिले से होकर गुजरनेवाले राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे करीब दो हजार अधिक प्लॉट से खरीद कर पूंजीपतियों ने निवेश की योजना बनायी है, लेकिन यह अब तक सिर्फ प्लॉट ही बना हुआ है. इसमें निर्माण कार्य कर उद्योग को बढ़ावा देने से काफी बल मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार उत्तर बंगाल के सभी जिलों में निवेश के लिए जमीन दे रही है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तर बंगाल को विश्व मानचित्र पर उभार कर लाना चाहती हैं.

आज के सम्मेलन में राज्य के अग्रणी उद्योगपतियों में से एक कमल मित्तल भी शामिल थे. विश्व के करीब 17 देशों में इनके अद्योगिक संस्थान हैं. अपने संबोधन में उन्होंने राज्य सरकार की सराहना करते हुए कन्याश्री योजना की काफी प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कन्याश्री परियोजना के द्वारा राज्य को विश्व में एक स्थान दिलाया है. उत्तर बंगाल विकास मंत्री ने भी उद्योगपति कमल मित्तल से उत्तर बंगाल में निवेश करने का आग्रह किया है.
बांग्लादेशी उद्योगपतियों ने गिनायीं समस्याएं
इस सम्मेलन में बांग्लादेश के 22 उद्योगपति भी शामिल हुए थे. उत्तर बंगाल में निवेश का मार्ग खुला पाकर वे सभी काफी प्रसन्न हुए. इनसे निवेश का आग्रह करते हुए मंत्री रवींद्रनाथ घोष ने कहा कि दोनों बांग्ला की मिट्टी एक ही है. इसलिए हम इलिश मछली चाहते हैं. बांग्लादेशी उद्योगपतियों के प्रतिनिधि रंगपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन मुहम्मद मुस्तफा चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार उत्तर बंगाल में निवेश के लिए काफी आग्रही है. मुख्यमंत्री स्वयं उत्तर बंगाल की ओर विशेष ध्यान दे रही हैं. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी उत्तर बंगाल की ओर देख रही हैं. उन्होंने एक समस्या को सामने रखते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच भारी रकम के नगद आदान-प्रदान के लिए कोई नीति नहीं है, जिसका असर निवेश पर भी पड़ता है. आयात-निर्यात में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. भारत की टैक्स व्यवस्था भी काफी जटिल है. इन सभी में रियायत मिलने से बांग्लादेश के उद्योगपति भी उत्तर बंगाल में निवेश को इच्छुक होंगे. पड़ोसी देश के उद्योगपतियों ने वीजा नियम में सरलीकरण की मांग की है. साथ ही भारतीय उद्योगपतियों से बांग्लादेश में भी निवेश की अपील की है. बांग्लादेश के उद्योगपतियों ने दोनों देशों में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सीआइआइ से एक पुल तैयार करने का आग्रह किया है. इसके अतिरिक्त उत्तर बंगाल के अन्य जिलों से उपस्थित उद्योगपतियों ने व्यापार के लिए भोगोलिक दशाओं को सामने रखा.
अस्वस्थ होने के कारण नहीं आ पाये वित्त मंत्री
सीआइआइ के जोनल चेयरमैन राजीव लोचन ने कहा कि आज का यह शिल्प सम्मेलन सफल रहा. राज्य के वित्त मंत्री अस्वस्थ होने की वजह से उपस्थित नहीं हो सके. जिसकी वजह से सरकारी निवेश के संबंध में चर्चा नहीं हुई. उत्तर बंगाल में निवेश को बढ़ावा देने के लिए हमारा प्रयास लगातार जारी रहेगा.

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