बंगाल में नवंबर से शुरू हुए उनके सदस्यता अभियान का केवल समापन समारोह ही मनाया जायेगा. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले कई अवसरों पर विहिप के क्रियाकलापों का मुखर विरोध किया है. पश्चिम बंगाल में भाजपा को छोड़कर सभी प्रमुख राजनीतिक दल छह दिसंबर को काला दिवस मनाते हैं. इस वर्ष भी तृणमूल कांग्रेस, वाममोर्चा और कांग्रेस ने काला दिवस मनाने की तैयारी कर ली है. हालांकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से छह दिसंबर को डॉ बीआर अंबेदकर की पुण्यतिथि को याद करते हुए प्रतिज्ञा दिवस मनाने की घोषणा की गई है. विहिप के प्रवक्ता सौरिश मुखर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में विहिप का लक्ष्य एक लाख सदस्य नाना है. कोलकाता में उनका लक्ष्य करीब 20 हजार सदस्य बनाना है. यह छह दिसंबर के पहले बना लिए जायेंगे.
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विहिप और बजरंग दल बंगाल में नहीं मनायेंगे शौर्य उत्सव
कोलकाता : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहाने के 25 वर्ष पूरे होने पर मनाये जाने वाले आगामी छह दिसंबर को अपने राष्ट्रव्यापी उत्सव से पश्चिम बंगाल को अलग रखा है. दोनों ही संगठनों ने यह दिन शौर्य दिवस के तौर पर मनाने की योजना बनाई है. […]
कोलकाता : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहाने के 25 वर्ष पूरे होने पर मनाये जाने वाले आगामी छह दिसंबर को अपने राष्ट्रव्यापी उत्सव से पश्चिम बंगाल को अलग रखा है.
दोनों ही संगठनों ने यह दिन शौर्य दिवस के तौर पर मनाने की योजना बनाई है. विहिप के बंगाल, असम, सिक्किम व अंदमान इकाई के प्रभारी सचिंद्र नाथ सिंह ने कहा कि बंगाल में कुछ राजनीतिक दल छह दिसंबर को काला दिवस के तौर पर मनाते हैं. लिहाजा उनसे सीधे विवाद में जाने की बजाय वह मैदान को उनके लिए छोड़ रहे हैं. श्री सिंह हाल ही में गुवाहाटी गये थे जहां उत्सव की योजना बनायी गयी थी. उन्होंने बताया कि असम में शौर्य दिवस उत्साह के साथ मनाया जायेगा.
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