कोलकाता: राज्य सरकार ने दुर्गापुर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (डीपीएल) का पुनर्विकास करने की योजना बनायी है, ताकि उसे फिर से आर्थिक रूप से अपने बल-बूते पर खड़ा किया जा सके. योजना के अनुसार, कंपनी की उत्पादन क्षमता में विस्तार व कार्य कुशलता में सुधार किया जायेगा. सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में विधानसभा में हुई कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंजूरी दे दी गयी.
कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि इस योजना के लिए राज्य सरकार ने मंत्रियों के समूह का गठन किया है, जिसमें राज्य के मंत्री मलय घटक भी शामिल हैं. इस समूह ने डीपीएल का पुनर्विकास करने का प्रस्ताव पेश किया है, जिसके तहत डीपीएल अब प्रत्यक्ष रूप से राज्य सरकार की उपक्रम नहीं होगी, बल्कि वह पश्चिम बंगाल विद्युत विकास निगम लिमिटेड की अधीनस्थ अनुषंगी कंपनी होगी. पश्चिम बंगाल विद्युत विकास निगम के अंतर्गत की उत्पादन, वितरण व सहित तीन श्रेणियों की कंपनियां हैैं और डीपीएल को भी इसमें एक श्रेणी की कंपनी में शामिल किया जायेगा.
कर्मचारियों का नहीं होगा नुकसान
श्री चटर्जी ने कहा कि कंपनी के पुनर्गठन से कर्मचारियों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा. किसी भी स्थायी, अस्थायी या ठेका श्रमिक को निकाला नहीं जायेगा, सिर्फ कंपनी का पश्चिम बंगाल विद्युत विकास निगम लिमिटेड के अंतर्गत हस्तांतरण होगा. कंपनी के अंतर्गत स्थायी, अस्थायी व ठेका श्रमिक को लेकर लगभग 3000 कर्मचारी हैं. उन्होंने बताया कि कंपनी के अंतर्गत आठ बिजली उत्पादन यूनिट हैं और इसकी वर्तमान उत्पादन क्षमता 660 मेगावाट है. लेकिन डीपीएल की पांच यूनिट बंद हैं, जबकि छठवां यूनिट में उत्पादन कभी-कभार होता है. सिर्फ सातवीं व आठवीं यूनिट में बिजली का उत्पादन जारी है. राज्य सरकार इन सभी यूनिटों में फिर से बिजली उत्पादन शुरू करना चाहती है ताकि कंपनी की आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा सके.