कोलकाता/एडिनबर्ग : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्कॉटलैंड के उद्योगपतियों से पश्चिम बंगाल में निवेश करने का आह्वान करते हुए कहा कि बंगाल अब निवेश का गंतव्य स्थल बन गया है. बंगाल बदल गया है. बंगाल आयें, निवेश करें और आनंद लें. लंदन दौरे के बाद सुश्री बनर्जी स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग पहुंचीं.
Advertisement
बंगाल अब निवेश का बेहतर विकल्प
कोलकाता/एडिनबर्ग : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्कॉटलैंड के उद्योगपतियों से पश्चिम बंगाल में निवेश करने का आह्वान करते हुए कहा कि बंगाल अब निवेश का गंतव्य स्थल बन गया है. बंगाल बदल गया है. बंगाल आयें, निवेश करें और आनंद लें. लंदन दौरे के बाद सुश्री बनर्जी स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग पहुंचीं. वहां स्कॉटलैंड डेवलपमेंट इंटरनेशनल […]
वहां स्कॉटलैंड डेवलपमेंट इंटरनेशनल में स्कॉटलैंड के उद्योगपतियों से बंगाल में निवेश का आह्वान किया. राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने स्कॉटलैंड के अंतर्राष्ट्रीय विकास व यूरोप मामलों के मंत्री डॉ अलास्डैर एलैन के साथ बैठक की. उनसे स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन व अन्य क्षेत्रों में निवेश का आह्वान किया.
ममता बनर्जी ने उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि बंगाल उत्तर-पूर्व, पूर्व भारत व बर्मा, बांग्लादेश, नेपाल सहित कई देशों का गेटवे है. बंगाल में निवेश कर बंगाल से सटे राज्यों व अन्य देशों में भी अपना विस्तार किया जा सकता है. पश्चिम बंगाल में विगत 34 वर्षों के माकपा के कुशासन की समाप्ति हुई है.
छह वर्षों में बंगाल बदल गया है. बंगाल में आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक व अन्य क्षेत्रों में सुधार हुए हैं. कन्याश्री परियोजना में यूएनओ ने बंगाल को प्रथम पुरस्कार दिया. उनलोगों ने सफलता के साथ फीफा-17 विश्व कप का आयोजन किया है. बंगाल सरकार का अपना लैंड बैंक, लैंड यूज पॉलिसी, औद्योगिक नीति, वस्त्र नीति, पर्यटन नीति है. बंगाल में विश्व की सांस्कृतिक राजधानी है. सबसे महत्वपूर्ण है कि बंगाल में प्रशिक्षित व सस्ते श्रमिक हैं. पश्चिम बंगाल की जीडीपी की दर राष्ट्रीय स्तर से अधिक है. वे लोग बंगाल में निवेश का वातावरण बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
16 व 17 जनवरी को कोलकाता में बिजनस समिट का आयोजन किया गया है. लगभग 30 देशों में समिट में शामिल होने पर सहमति जतायी है. उन्होंने निवेशकों से आह्वान किया कि वे भी समिट में आयें. उन्होंने कहा कि एडिनबर्ग शैक्षणिक हब है. इसी तरह के कोलकाता में भी जादवपुर, प्रेसिडेंसी व कलकत्ता विश्वविद्यालय हैं. इनके बीच आपस में समझौता हो सकता है, ताकि एक विश्वविद्यालय के स्कॉलर दूसरे विश्वविद्यालय में आ-जा सकें.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement