कोलकाता. राज्य व केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ व जनहित से जुड़ीं मांगों के समर्थन में 117 वामपंथी संगठनों के मंच बंगाल प्लेटफार्म ऑफ मास आर्गेनाइजेशंस (बीपीएमओ) के बैनर तले रविवार को राज्य के सात जगहों से राज्यव्यापी रैली की शुरुआत की गयी. रैली तीन नवंबर तक राज्य के विभिन्न हिस्सों से गुजरते […]
कोलकाता. राज्य व केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ व जनहित से जुड़ीं मांगों के समर्थन में 117 वामपंथी संगठनों के मंच बंगाल प्लेटफार्म ऑफ मास आर्गेनाइजेशंस (बीपीएमओ) के बैनर तले रविवार को राज्य के सात जगहों से राज्यव्यापी रैली की शुरुआत की गयी. रैली तीन नवंबर तक राज्य के विभिन्न हिस्सों से गुजरते हुए महानगर में समाप्त होगी. इस दौरान रैली राज्य के करीब 40 हजार गांवों, 126 शहरों और 77 हजार बूथों से होकर गुजरेगी.
राज्यव्यापी रैली का वाममोर्चा में शामिल दलों समेत अन्य वामपंथी दलों ने समर्थन किया है. जानकारी के अनुसार सिउड़ी में रैली को हरी झंडी राज्य में वाममोर्चा के चेयरमैन विमान बसु ने दिखायी, जबकि मालदा में सांसद मोहम्मद सलीम, पुरुलिया में माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा, कूचबिहार में विधानसभा में वाम परिषदीय दल के नेता डॉ सुजन चक्रवर्ती और आसनसोल में मदन घोष ने रैली की शुरुआत की.
कूचबिहार, अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी, मालदा, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर से रैली एक नवंबर को सिलीगुड़ी पहुंचेगी. सिलीगुड़ी के बाघाजतीन पार्क में सभा होगी. इसके बाद रैली कोलकाता के लिए रवाना होगी. फरक्का, पुरुलिया, कैनिंग व अन्य इलाकों से निकाली गयी रैली भी तीन नंवबर को कोलकाता पहुंचेगी. इसी दिन महानगर में व्यापक सभा किये जाने की बात है.
जानकारों की मानें, तो वामपंथी संगठनों द्वारा राज्य में वामपंथियों की खोई राजनीतिक साख को वापस पाने के इरादे से राज्यव्यापी रैली की शुरुआत की गयी है. वामपंथी दल व संगठन राज्य के आगामी पंचायत चुनाव से पहले बूथ स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं. शुरू की गयी राज्यव्यापी रैली में 17 सूत्री मांगें की जा रही हैं. इनमें सभी को रोजगार की व्यवस्था, समान कार्य समान वेतन, न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये करने, खेतिहर मजदूरों समेत असंगठित क्षेत्रों से जुड़े श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा दिये जाने, चिटफंड कांड के तमाम पीड़ितों को उनके रुपये वापस दिया जाना प्रमुख है.