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कॉलेजों को फंड का हिसाब देने के लिए फिर से भेजा फरमान

शिक्षा विभाग की अधिसूचना से उलझन में कॉलेजों के प्रिंसिपल कोलकाता : उच्च शिक्षा विभाग द्वारा फिर से एक अधिसूचना जारी की गयी है. इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त कॉलेजों को शीघ्र ही वह फंड लाैटाना होगा, जो अब तक इस्तेमाल नहीं किया गया है. इस विषय में उच्च शिक्षा […]

शिक्षा विभाग की अधिसूचना से उलझन में कॉलेजों के प्रिंसिपल

कोलकाता : उच्च शिक्षा विभाग द्वारा फिर से एक अधिसूचना जारी की गयी है. इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त कॉलेजों को शीघ्र ही वह फंड लाैटाना होगा, जो अब तक इस्तेमाल नहीं किया गया है. इस विषय में उच्च शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अभी भी कई कॉलेज हैं जो पिछले महीने भेजी गयी सूचना का अब तक जवाब नहीं दे पाये हैं.
इन कॉलेजों को वर्ष 2015-16 में आवंटित किये गये फंड का हिसाब देने के लिए कहा गया है. साथ ही इस्तेमाल नहीं की गयी धनराशि शीघ्र लाैटाने के लिए भी सतर्क किया गया है, ताकि इस फंड को अन्य योजनाओं में खर्च किया जा सके.
कुछ कॉलेज के प्रिंसिपलों का कहना है कि सरकार द्वारा चलाये जा रहे एक अभियान के तहत, प्रयोग में नहीं लायी गयी राशि को वापिस जमा कराने के लक्ष्य से यह नोटिस जारी की गयी है. राज्य की अन्य विभिन्न इन्फ्रास्ट्रक्चर योजनाओं को शुरू करने में इस फंड का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे कि संस्थानों का स्तर सुधारा जा सकता है. कुछ प्रिंसिपलों का कहना है कि इस नोटिस से वे उलझन में पड़ गये हैं. अभी वे तुरंत फंड जमा नहीं करवा सकते हैं. ऐसी बात नहीं है कि, इससे पहले फंड कभी बचा नहीं था.
निर्धारित की गयी समय सीमा के अंदर पहले भी फंड का इस्तेमाल नहीं हो सका था. इस राशि का उपयोग अगली योजना आवंटन में किया गया था लेकिन अभी सरकार इसको जमा कराने के लिए सूचना भेजी है. दक्षिण कोलकाता स्थित एक कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि कभी भी उपयोग में नहीं लायी गयी धनराशि हमने लाैटायी नहीं है. उस राशि का अन्य कार्यों में इस्तेमाल किया गया है. पूजा की छुट्टियों से पहले ही एक बार नोटिस भेजा जा चुका है कि बचे हुए फंड को लाैटा दिया जाये लेकिन अब तक इस पर काम नहीं शुरू हुआ है. सरकारी धन का सही इस्तेमाल करने के लिए विभिन्न अंदरुनी प्रक्रियाओं का भी अनुसरण करना होगा.
उदाहरण के लिए सरकार के पास स्पष्टीकरण भेजने से पहले गवर्निंग बॉडी को इस घोषणापत्र को मंजूरी देनी होगी. तभी यह हिसाब आगे भेजा जा सकेगा. एक प्रिंसिपल का कहना है कि इससे पहले 22 सितंबर को सूचना भेजी गयी थी. पूजा की छुट्टियां 25 सितंबर से शुरु की गयीं, इसलिए अब तक पूरी आैपचारिकताएं पूरी नहीं की गयी हैं. हम उम्मीद करते हैं कि जब कॉलेज खुल जायेंगे तो एक बार फिर से सूचना भेज दी जायेगी.
कॉलेज में शिक्षक व गैर शिक्षा कर्मी की तनख्वाह के लिए भी फंड की जरूरत पड़ती है. राज्य के अनुदान प्राप्त कॉलेजों में इन्फ्रास्ट्रक्चर, नयी बिल्डिंग के निर्माण, नयी पुस्तकें खरीदने व लेबोरेटरीज को अपग्रेड करने के लिए सरकार की ओर से यह सब फंड दिया जाता है. अब इसका हिसाब मांगा जा रहा है, इसको लेकर प्रिंसिपल उलझन में हैं.

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