यह गत तीन वर्षों के सबसे निचले स्तर पर चला गया था. आरोप के अनुसार ऐसा मोदी सरकार के गत तीन वर्षों के लगातार आर्थिक कुप्रबंधन नीतियों का नतीजा है. मौजूदा समय में देश को नेता नहीं, सही नीतियों की जरूरत है. आरोप के अनुसार गत तीन वर्षों में देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति बुरी तरह से चरमरा गयी है. अब मोदी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है.
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देश को नेता नहीं, सही नीतियों की जरूरत : येचुरी
कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार की आर्थिक कुप्रबंधन नीतियों की वजह से देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गिरावट आयी है. यह आरोप माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने लगाया है. बुधवार को संवाददाता सम्मलेन को संबोधित करते हुए माकपा नेता ने कहा कि इस वर्ष चार अप्रैल से जून महीने की […]
कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार की आर्थिक कुप्रबंधन नीतियों की वजह से देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गिरावट आयी है. यह आरोप माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने लगाया है. बुधवार को संवाददाता सम्मलेन को संबोधित करते हुए माकपा नेता ने कहा कि इस वर्ष चार अप्रैल से जून महीने की तिमाही में जीडीपी में भारी गिरावट आयी है.
माकपा नेता ने कहा है कि नोटबंदी के कारण विनिर्माण सुस्त हो गया. सबसे ज्यादा समस्याएं आम लोगों की बढ़ी. बड़ी-बड़ी काॅरपोरेट कंपनियां, बैंकों के कर्ज वापस नहीं करनेवाले पूंजीपतियों को नोटबंदी से कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. रद्द किये गये 1000 रुपये के नोटों में से महज 1.4 फीसदी नोट ही जमा नहीं हुए हैं. शेष राशि बैंकिंग सिस्टम में लौट आयी है. माकपा नेता ने सवाल उठाया कि नोटबंदी के बाद कालाधन कितना वापस आया? इसका जवाब केंद्र सरकार के पास नहीं है. अब जीएसटी का दौर शुरू हुआ है. आरोप के अनुसार केंद्र सरकार आम लोगों पर आर्थिक दबाव बना रही है, दूसरी ओर लोन व अन्य माध्यम के जरिये बड़ी-बड़ी काॅरपोरेट कंपनियों और पूंजीपतियों को सुविधाएं बढ़ायी जा रही हैं. बेरोजगार युवा वर्ग को रोजगार की बात कही गयी थी, लेकिन कितने युवाओं को रोजगार मिला, इसका जवाब भी केंद्र सरकार केे पास शायद नहीं है. किसानों और श्रमिक वर्ग दशा बिगड़ रही है.
येचुरी ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की बात कहते हुए देश में भी पेट्रोल और डीजल की कीमत कम करने की मांग की है. माकपा के राज्यसभा सांसद ऋतब्रत बनर्जी को पार्टी से निकाले जाने से संबंधित प्रश्न पर माकपा नेता ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यजनक है. ऋतब्रत बनर्जी पर लगाये आरोपों को लेकर एक जांच कमेटी गठित की गयी थी. यदि उन्हें अपनी बात रखनी थी, तो कमेटी के समक्ष रखते. पार्टी के आंतरिक मसलों को मीडिया के सामने रखना क्या उचित था? कमेटी की ओर से पहले उन्हें तीन महीनों के लिए पार्टी से सस्पेंड किया गया था. सस्पेंड और पार्टी से निकाले जाने के अंतर को पहले समझने की जरूरत थी.
रोहिंग्या शरणार्थियों के मसले पर माकपा नेता ने कहा कि केंद्र सरकार को इसे मानवता के हिसाब से देखना चाहिए. रोहिंग्या समुदाय के सारे लोग आतंकवादी नहीं हैं. इधर, उन्होंने आरोप लगाया कि दुर्गा पूजा विसर्जन को लेकर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा राज्य का माहौल बिगाड़ने की कोशिश में जुटे हैं. उन्होंने दोनों दलों की नीतियों की कड़ी आलोचना की है.
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