राज्य की ओर से एडवोकेट जनरल किशोर दत्त ने कहा कि इसबीच मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के बकाया डीए की घोषणा की है. इसके बाद ही खंडपीठ ने उक्त टिप्पणी की.
साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा की गयी घोषणा की अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया. उल्लेखनयी है कि गत गुरुवार को नजरुल मंच में सरकारी कर्मचारी के एक यूनियन के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा था कि इतने आर्थिक संकट के बीच भी सरकार डीए बढ़ा रही है. लेकिन ‘घेऊ-घेऊ’ करने से लाभ नहीं होगा. वह इससे डरती नहीं. वह चाहती हैं कि सभी सरकारी कर्मचारियों को डीए मिले. डीए बढ़ाने की वजह से हर वर्ष साढ़े चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा था कि अगले वर्ष के एक जनवरी से 15 फीसदी बकाया डीए का भुगतान होगा. बाकी 39 फीसदी बकाया डीए वर्ष 2019 के भीतर दिया जायेगा. मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी.