पिछली ईद की नमाज जब रेड रोड पर हुई थी, तब ‘दीदी’ के करीब सुलतान अहमद को क्यों नहीं बैठने दिया गया? श्री चौधरी कहते हैं कि इसकी वजह है कि ‘दीदी’ भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी से बचना चाहती हैं.
अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन पद से सुलतान भाई को हटा दिया गया. क्या यह सुलतान भाई का अपमान नहीं था? ‘दीदी’ के उनसे कतराने के मनोभाव ने उन्हें मानसिक तौर पर बेहद परेशान कर दिया था. जिस तरह उपग्रह आकाश में उड़ते वक्त बूस्टर उसकी सहायता करता है, उसके बाद उसका कोई मूल्य नहीं होता, उसी तरह ‘दीदी’ अपने पार्टी के लोगों को बूस्टर के तौर पर इस्तेमल करती हैं और काम पूरा हो जाने पर कहानी खत्म हो जाती है. उनकी पार्टी में ऐसे लोगों की लंबी सूची है.