कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने गोरखा जनमुक्ति मोरचा (जीजेएम) प्रमुख विमल गुरुंग को गिरफ्तार करने में सिक्किम सरकार पर दवाब बनाने के लिए केंद्र सरकार से सहयोग की मांग की. ऐसा माना जा रहा है कि श्री गुरुंग सिक्किम में छुपे हुए हैं.
इसके पहले ही विमल गुरुंग सहित गोरखा जनमुक्ति मोरचा के नेताओं के सिक्किम में छिपे होने के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग के बीच बयानबाजी हो चुकी है. पिछले सप्ताह सिक्किम के दक्षिण जिले की पुलिस ने पश्चिम बंगाल की टीम को गिरफ्तार मोरचा समर्थकों को वापस लाने में बाधा पैदा किया था.
सिक्किम पुलिस ने दावा किया था कि बंगाल पुलिस ने बिना सिक्किम पुलिस को सूचना दिये ही उनके राज्य की सीमा में प्रवेश की थी तथा मोरचा समर्थकों की गिरफ्तारी के लिए उनके पास कोई कागजात भी नहीं थे. सिक्किम के नामची पुलिस स्टेशन में कालिपांग के पुलिस अधीक्षक व उनके साथियों के खिलाफ हत्या का मामला भी दर्ज किया गया है. सोमवार को नामची की अदालत ने बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार साबित्री राय को जमानत पर रिहा कर दिया है. यह बंगाल पुलिस के लिए धक्का माना जा रहा है.
दोनों राज्यों के बीच आपसी विवाद 20 जून से शुरू हुआ था, जब सिक्किम के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कर अलग गोरखालैंड राज्य की मांग का समर्थन किया था. सूत्रों के अनुसार बंगाल सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है तथा सिक्किम सरकार के असहयोग को उजागर करेगी. इसके साथ ही सिक्किम सरकार के साथ प्रशासनिक स्तर पर बातचीत भी शुरू की गयी है. सीआइडी उत्तर बंगाल अशोक प्रसाद ने दक्षिण सिक्किम के पुलिस अधीक्षक प्रताप प्रधान को पत्र लिखा कर नामची में छापेमारी करने की अनुमति भी मांगी है. ऐसा माना जा रहा है कि गुरुंग नामची में ही छिपे हुए हैं.