इससे पहले वर्ष 1987-91 व 1996 से 2001 तक वह कोलकाता की इंटाली विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके थे. तृणमूल कांग्रेस की स्थापना में सुलतान अहमद की भी अहम भूमिका रही. वह तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक थे. राजनीति के साथ खेल से भी उनका गहरा लगाव था. वह मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब के सचिव रह चुके थे. सोमवार को अहमद का पार्थिव शरीर नर्सिंग होम से रीपन स्ट्रीट के उनके आवास पर लाया गया, जहां समाज के विशिष्ट लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके पश्चात रात में गोबरा क्रबिस्तान-एक में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया.
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तृणमूल कांग्रेस सांसद सुलतान अहमद का निधन
कोलकाता. पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस सांसद सुलतान अहमद का सोमवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह 64 वर्ष के थे. उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं. सोमवार सुबह 11.30 बजे के करीब उन्हें अपने आवास पर ही दिल का दौरा पड़ा. उन्हें बेल व्यू नर्सिंग होम ले […]
कोलकाता. पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस सांसद सुलतान अहमद का सोमवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह 64 वर्ष के थे. उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं. सोमवार सुबह 11.30 बजे के करीब उन्हें अपने आवास पर ही दिल का दौरा पड़ा. उन्हें बेल व्यू नर्सिंग होम ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने अहमद को मृत घोषित कर दिया. सोमवार रात में गोबरा कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. वर्ष 2009 में हावड़ा के उलबेड़िया लोकसभा सीट से चुनाव जीतने पर वह केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार में पर्यटन राज्यमंत्री बनाये गये थे. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने उलबेड़िया सीट पर जीत दर्ज की.
विशिष्ट लोगों ने जताया शोक : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख प्रकट किया और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं. राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने भी दुख व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री शाम में अहमद के आवास पर गयीं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए अहमद के निधन को अपूरनीय क्षति करार दिया है. मुख्यमंत्री ने सोशल ब्लॉगिंग साइट ट्वीटर पर कहा : सुलतान अहमद के निधन से बेहद दुखी और स्तब्ध हूं जो तृणमूल कांग्रेस के मौजूदा सांसद और लंबे समय से मेरे सहयोगी थे. उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी अहमद के निधन पर शोक जताया है. आजाद ने अपने शोक संदेश में कहा है कि वह उन्हें तीन दशकों से जानते थे. वह एक लोकप्रिय नेता थे तथा स्थानीय मुस्लिमों के मसीहा थे. जब वह कांग्रेस पार्टी में थे, उस समय उनके साथ काम करते हुए कई अच्छी यादें हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने लिखा है कि लंबी राजनीतिक लड़ाई के सुलतान भाई साथी थे. उनके इंतकाल पर उन्हें बेहद दु:ख हुआ है. विश्वास करना कठिन हो रहा है कि वह अब नहीं हैं. सदाचारी श्री अहमद मन के भी सुलतान थे. उनको जन्नत मिले.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राहुल सिन्हा ने ईश्वर से दुख की इस घड़ी में परिवार के लोगों को धैर्य प्रदान करने की कामना की. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय पर्यटन राज्य मंत्री रहे श्री अहमद तृणमूल पार्टी के आधार स्तंभ थे.
सीबीआइ पूछताछ के कारण तनाव में थे : ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुलतान अहमद नारद मामले में सीबीआइ की पूछताछ के बाद तनाव में थे. उन्होंने कहा, ‘मैंने सुना है कि सीबीआइ ने उन्हें (अहमद) आज भी एक पत्र भेजा.’ तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘नारद मामला केवल एक या डेढ़ लाख रुपये की राशि से संबंधित है. वह तनाव में थे… वह उतने बूढ़े नहीं थे. यह बहुत ही दुखद खबर है. हम सब बेहद दुखी हैं.’ सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नारद स्टिंग ऑपरेशन के सिलसिले में उनसे पूछताछ की थी.
जांच के नाम पर उन पर हुआ है मानसिक अत्याचार
तृणमूल कांग्रेस सांसद सुलतान अहमद की आकस्मिक मौत के लिए सत्तारूढ़ पार्टी ने केंद्र सरकार व सीबीआइ को जिम्मेदार ठहराया है. सुलतान अहमद की मृत्यु के बाद तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सुब्रत बक्शी ने सीबीआई को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सीबीआई की वजह से सुल्तान अहम की मौत हुई है. नारद स्टिंग मामले को लेकर जांच एजेंसी की तरफ से उन पर दवाब डाला जा रहा था. इस दवाब को वह सहन नहीं कर पाए और उनकी मौत हो गई. जांच के नाम पर उन पर मानसिक अत्याचार किया जा रहा था और इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेवार है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कि राजनीतिक दबाव के षडयंत्र का भयावह परिणाम यह देखने को मिला, इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में किस प्रकार से बदले की राजनीति हो रही है.
वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय व राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने सांसद के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि सांसद सुलतान अहमद उनके सबसे अच्छे सहयोगियों में से एक थे, जिन्होंने राज्य के मुद्दे को संसद में बुलंद किया था. उनके आकस्मिक निधन से तृणमूल कांग्रेस को अपूर्णीय क्षति हुई है.
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