इसकी घोषणा बुधवार को काउंसिल के एक सदस्य ने की. डिजिटल लॉकर सेवा सरकार की तरफ से शुरू की गयी एक ऐसी सेवा है, जिससे प्रत्येक छात्र अपने कागजात, फाइल व सर्टिफिकेट रख सकता है. जरूरत पड़ी, तो व्यक्ति अपने इन कागजातों को ऑनलाइन विभिन्न स्टेकहोल्डरों के साथ साझा भी कर सकता है. यह स्टोरेज स्पेस भारत सरकार की एक यूनिक पहचान व प्रयोगकर्ता के आधार नंबर से जोड़ा गया है.
यह सेवा एकदम निःशुल्क, सुरक्षित व यूजर-फ्रेंडली है. सीआइएससीइ की ओर से 2017 की परीक्षा से ही आइसीएसइ के सर्टिफिकेट की कॉपी डिजिलॉकर के जरिये हार्ड कॉपी के रूप में देगा. अंकों के विवरण वाला व पास प्रमाणपत्र की डिजिटली साइन्ड कॉपी प्रदान करने के लिए यह सेवा काफी उपयोगी है. इसके अलावा डिजिटली साइन्ड माइग्रेशन प्रमाणपत्र केवल आइएससी छात्रों को दिया जा रहा है. यह जानकारी सीआइएससीइ के मुख्य कार्यकारी व सचिव जी एराथून ने दी. उनका कहना है कि अपने डिजिटल डॉक्यूमेंट्स में प्रवेश करने के लिए छात्रों को डिजिलॉकर के साथ यूआरएल का प्रयोग करते हुए एक अकाउंट बनाना होगा. डिजिलॉकर अकाउंट में लॉगिंग करने के बाद डैशबोर्ड के निर्देशों का पालन करते हुए आवेदक जरूरतवाले कागजात ऑनलाइन देख सकता है व कॉपी निकाल सकता है. सुविधा छात्रों की सहूलियत के लिए शुरू की गयी है.