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सिक्कों की खनक से परेशान दुकानदार

कोलकाता: कभी वक्त था जब खुदरे की कमी से आम लोगों से लेकर दुकानदार परेशान थे. प्राय: खुदरे की समस्या को लेकर कभी ऑटो तो कभी बस में विवाद और हाथापाई की खबरें आती थीं. बस मालिक तो हालात से निपटने के लिए ‘बट्टा’ पर खुदरा पैसे लेते थे. यानी बस मालिक यदि 100 रुपये […]

कोलकाता: कभी वक्त था जब खुदरे की कमी से आम लोगों से लेकर दुकानदार परेशान थे. प्राय: खुदरे की समस्या को लेकर कभी ऑटो तो कभी बस में विवाद और हाथापाई की खबरें आती थीं. बस मालिक तो हालात से निपटने के लिए ‘बट्टा’ पर खुदरा पैसे लेते थे. यानी बस मालिक यदि 100 रुपये देते थे तो उन्हें 80 रुपये खुदरे के रूप में मिला करते थे.
इन खुदरा पैसे का व्यापार, अनौपचारिक तौर पर, सड़क किनारे बैठकर कुछ लोग करते दिख जाते थे. हालांकि देखते ही देखते हालात ने कुछ इस कदर करवट खायी है कि खुदरे पैसे की अधिकता की वजह से अब आम लोगों से लेकर व्यवसायी सभी समस्याग्रस्त दिख रहे हैं. हर किसी के पास अब खुदरे का अंबार लग गया है. खुदरा लेने या देने में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है.
यह समस्या तब नहीं होती यदि इस अंबार को बैंकों में आसानी से जमा किया जा सकता. लेकिन बैंक भी इन खुदरा पैसे को लेने में आनाकानी कर रहे हैं. हालांकि भारतीय स्टेट बैंक के एक अधिकारी के मुताबिक बैंक खुदरा जरूर लेते हैं लेकिन कई बार उनके पास स्टाफ की कमी या जगह की कमी हो जाती है इसलिए यह दिक्कत आती है. लेकिन खुदरा पैसे लेने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. खुदरा पैसा को लेकर अजीबोगरीब वाकये देखने को मिल रही हैं.
हावड़ा में गत 25 जुलाई तलाक के एक मामले में अदालत ने पति को अपनी पत्नी को 40 हजार रुपये अदा करने का निर्देश दिया था. इसमें उसने कुछ रुपये दे दिये थे और बाकी 24 हजार 800 रुपये थे. जब ये रुपये देने की बारी आई तो पति सुकोमल साहा ने वह रुपये, सिक्कों की शक्ल में दो झोलों में भरकर अपनी पत्नी, रिंकू साहा को दिया. इसका वजन करीब 25 किलो हो गया था. इसपर पत्नी ने उसे लेने से इनकार कर दिया था. हालांकि अदालत ने स्पष्ट किया कि जो सिक्के चलन में हैं उन्हें लेना ही होगा. इसके अलावा पश्चिम मेदिनीपुर में व्यवसाइयों ने सिक्कों को लेकर हो रही परेशानी का विरोध जताने के लिए सिक्कों को सड़क पर फेंक कर प्रदर्शन किया था. हालात समूचे राज्य में एक समान है. कभी सिक्कों की कमी से जूझ रहे लोग आज उसकी अधिकता से परेशान हैं.

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