उन लोगों को इस मामले में फंसाया गया है और मामले की जांच में सीबीआइ भी उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सकी है. आरोपी महिलाओं ने अपने वकील तीर्थंकर घोष के माध्यम से अदालत में दलील दी कि महज संदेह के आधार पर किसी के खिलाफ आरोप तय नहीं किया जा सकता. श्री घोष ने सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें पेश करते हुए कहा कि इस हत्याकांड में जहां तक महिला आरोपियों की बात है, उनके खिलाफ ऐसा कुछ नहीं है कि आपराधिक साजिश, एक जैसी मंशा या आपराधिक धमकी के लिए उन्हें इस मामले में फंसाया जाये. इसलिए उन्होंने कोर्ट से आठ महिलाओं को मामले से आरोपमुक्त करने का आवेदन किया.
श्री घोष ने दावा किया कि हत्याकांड की आरोपी सुषमा राय, उर्मिला रुम्बा और कविता दहल के खिलाफ कोई ठोस आरोप नहीं हैं और गोरखा जनमुक्ति मोरचा की महिला शाखा की प्रमुख आशा गुरुंग, संध्या गुरुंग, अनिता लखंदरी, बबिता गांगुली और सोना शेरपा के खिलाफ ठोस आरोप नहीं हैं. अदालत तमांग हत्याकांड के आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर बहस की सुनवाई कर रही है. गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग और उनकी पत्नी भी इस मामले में आरोपी हैं. हालांकि, उनकी दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने कोई फैसला नहीं सुनाया है. मामले की सुनवाई शुक्रवार को भी जारी रहेगी.