गौरतलब है कि जलेश्वरी शिशु शिक्षा केंद्र में छात्रों की कुल संख्या 39 है. दो सहायिका व एक कर्मचारी से चलता है यह शिशु शिक्षा केंद्र. स्थानीय अभिभावक व निवासी बिमला राय, शांति राय, युचित्रा राय का आरोप है कि पिछले कुछ दिनों से केंद्र में बच्चों को घटिया स्तर के चावल से बना मिड डे मील दिया जा रहा था. साथ ही बच्चों को सप्ताह में दो दिन अंडा देने के बजाय एक दिन भी नहीं दिया गया. गत शुक्रवार को शिशु शिक्षा केंद्र में पहुंचने पर पाया गया कि केंद्र में चावल नहीं है.
इस वजह से घटिया स्तर के चावल से ही घटिया स्तर का भोजन बनाने का काम चल रहा था. इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों व अभिभावकों ने जमकर विरोध जताया एवं शिशु शिक्षा केंद्र में ताला लटका दिया. इसके बाद ही स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. शिशु शिक्षा केंद्र की सहायिका अजंलि कुंडू का कहना है कि केंद्र में एक साथ भारी मात्रा में चावल आता है, जो रखने के क्रम में सड़ जाता है. रखने की सही व्यवस्था नहीं होने से चावल चूहे भी खा जाते हैं. चावल कम होने से मिड डे मील की जिम्मेदारी संभाल रही स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को चावल लाने को कहा गया था.
शुक्रवार की घटना के बाद स्थानीय ग्राम पंचायत सदस्य हरिपद राय शिशु शिक्षा केंद्र की सहायिकाओं को चावल लाने को कहा था. इसके मुताबिक 99 किलो चावल लाया भी गया, लेकिन इसे केंद्र के ऑफिस में रखने के क्रम में अभिभावक फिर से आक्रोशित हो गये. इसे लेकर मिड डे मील व पठन पाठन बंद हो गया. स्थानीय पंचायत सदस्य हरिपद राय ने बताया कि समस्या के समाधान का उपाय निकाला जा रहा है. मयनागुड़ी सामूदायिक विकास अधिकारी श्रेयसी घोष ने बताया कि इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. इसे लेकर उन्होंने आवश्यक कार्यवाई करने का आश्वासन दिया है.