इसलिए केंद्र सरकार की ओर से मध्यस्थता करते हुए उन्होंने गोरखा जनमुक्ति मोरचा के अध्यक्ष विमल गुरुंग से बातचीत की है. उन्होंने कहा कि वह प्रदेश भाजपा के निर्देश पर ऐसा नहीं किया, उनको केंद्र सरकार द्वारा ऐसा निर्देश मिला है, तभी वह आगे बढ़े हैं. इस संबंध में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि उन्होंने सुना है कि चंद्र कुमार बोस ने विमल गुरुंग से बातचीत की है. लेकिन वह कोई अथॉरिटी नहीं हैं और ना ही उनको कोई दायित्व सौंपा गया है.
इस समस्या के समाधान के लिए अथॉरिटी केंद्र सरकार, गोरखा जनमुक्ति मोरचा या भाजपा पार्टी होगी. वहीं, गोरखा जनमुक्ति मोरचा के साथ संपर्कों के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन लोगों ने कोई आधिकारिक रूप से बातचीत नहीं हुई, लेकिन उन्होंने गोजमुमो नेताओं से यह पूछा है कि उनकी मांग क्या है और इसके बारे में उन्होेंने केंद्र सरकार को सूचना दी है.