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फूटा आदिवासी संगठनों का गुस्सा, तोड़फोड़, आगजनी

रायगंज. चार आदिवासी महिलाओं के यौन उत्पीड़न के विरोध में रायगंज शहर रणक्षेत्र में बदल गया. शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए. तीर-धनुष से लैस आदिवासी उग्र हो उठे. उन्होंने कई दुकानों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी. उन्होंने बस स्टैंड स्थित आइटीटीयूसी का ऑफिस भी […]

रायगंज. चार आदिवासी महिलाओं के यौन उत्पीड़न के विरोध में रायगंज शहर रणक्षेत्र में बदल गया. शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए. तीर-धनुष से लैस आदिवासी उग्र हो उठे. उन्होंने कई दुकानों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी. उन्होंने बस स्टैंड स्थित आइटीटीयूसी का ऑफिस भी जला दिया. पास में ही स्थित एक गोदाम को भी आग के हवाले कर दिया गया है. बड़ी संख्या में गाड़ियों को भी जलाया गया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि रायगंज शहर के विद्रोही मोड़ से लेकर सिलीगुड़ी मोड़ तक नजारा किसी रणक्षेत्र जैसा था. इस इलाके की कई दुकानों में तोड़फोड़ की गयी.

सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों को भी नहीं बख्शा गया. घटना की खबर दो दमकल वाहन मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाया. इस घटना से शहरवासी आतंकित हो उठे. अभिभावक बच्चों को सुरक्षित ढंग से घर लाने के लिए स्कूल पहुंच गये. कई स्कूलों ने समय से पहले ही छुट्टी कर दी. स्थानीय लोगों में पुलिस के खिलाफ गुस्सा है. उनका कहना है कि पुलिस ने पहले ही हालात पर काबू पाने की कोशिश की होती, तो मामला इतना उग्र नहीं होता. घटनास्थल पर रायगंज के विधायक मोहित सेनगुप्त, रायगंज नगरपालिका के चेयरमैन संदीप विश्वास भी पहुंचे. पूरा शहर सुनसान है. सभी दुकानें बंद हैं. घटना के विरोध में रायगंज शहर व्यवसायी समिति ने अनिश्चितकालीन बंद बुलाया है.

इधर, विभिन्न आदिवासी संगठनों के सदस्यों ने तांडव करने के बाद रायगंज के सिलीगुड़ी मोड़ इलाके में एनएच 34 को जाम कर दिया. इस जाम की वजह से सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. तोड़फोड़ के विरोध में बाजार में कई जगहों पर व्यवसायियों ने भी सड़क जाम की. आदिवासी नेताओं का कहना है कि दोषियों को सजा की मांग को लेकर हमने जुलूस निकाला है. पुलिस अधीक्षक अमित कुमार भरत राठौर ने कहा कि दुष्कर्म के तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बाकी की तलाश जारी है. आदिवासियों संगठनों को हिंसा का सहारा नहीं लेना चाहिए था.

क्या है आरोप : आरोप है कि रविवार को रायगंज थाने से कुछ ही दूरी पर स्थित बस स्टैंड के विश्रामागार से एक शिक्षिका समेत चार आदिवासी महिलाओं को बंदूक की नोक पर उठा लिया गया. उन्हें एक घर में ले जाकर उनका यौन उत्पीड़न किया गया. ढाई घंटे तक इन महिलाओं को नारकीय यातना झेलनी पड़ी. दो आदिवासी नाबालिग लापता थीं. इधर, इस घटना की जांच में जुटी पुलिस ने अब तक तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है. मालदा के गाजोल से दोनों आदिवासी लड़कियों को बरामद किया गया. इस घटना के विरोध में शुक्रवार को रायगंज के चंडीतला मोड़ से आदिवासियों का जुलूस रायगंज बस स्टैंड पहुंचा. जुलूस में शामिल तीर-धनुष से लैस हजारों आदिवासियों ने जमकर तांडव किया. रायगंज बस स्टैंड के आसपास का क्षेत्र जलकर राख हो गया है. हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने कई मोटरसाइकिलों और साइकिलों को जला दिया. बस स्टैंड के आसपास की दुकानों में जमकर तोड़फोड़ की गयी. ट्रैफिक बूथ को भी तोड़ दिया गया. इसके चलते रायगंज शहर में आतंक फैल गया.

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