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वाम दलों की महारैली में दिखा जन सैलाब

कोलकाता. सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ और सांप्रदायिक सौहार्द्र का माहौल कायम रखे जाने की मांग पर माकपा, भाकपा, आरएसपी, फारवर्ड ब्लॉक, भाकपा (माले), एसयूसीआइ समेत 17 वामपंथी दलों की महारैली में जैसे जन सैलाब उमड़ पड़ा. रैली बुधवार को अपराह्न महाजाति सदन के निकट से निकाली गयी थी जो महानगर के विभिन्न मार्गों से गुजरती […]

कोलकाता. सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ और सांप्रदायिक सौहार्द्र का माहौल कायम रखे जाने की मांग पर माकपा, भाकपा, आरएसपी, फारवर्ड ब्लॉक, भाकपा (माले), एसयूसीआइ समेत 17 वामपंथी दलों की महारैली में जैसे जन सैलाब उमड़ पड़ा. रैली बुधवार को अपराह्न महाजाति सदन के निकट से निकाली गयी थी जो महानगर के विभिन्न मार्गों से गुजरती हुई धर्मतल्ला के पास समाप्त हुई.

रैली का नेतृत्व राज्य में वाममोरचा के चेयरमैन विमान बसु ने किया जबकि इस मौके पर माकपा राज्य कमेटी के सचिव डाॅ सूर्यकांत मिश्रा, पूर्व वित्त मंत्री असीम दासगुप्ता, फारवर्ड ब्लॉक के नेता नरेन चटर्जी, क्षिति गोस्वामी, भाकपा (माले) के पार्थ घोष और कार्तिक पाल समेत अन्य वामपंथी नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे.

इस दौरान राज्य में वाममोरचा के चेयरमैन विमान बसु ने कहा कि केवल राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. ऐसा प्रयास सांप्रदायिक शक्तियों की ओर से किया जा रहा है. प्रश्न यह है कि आखिर सांप्रदायिक शक्तियों को बल कैसे मिल रहा है? ऐसा केंद्र सरकार व राज्य सरकार की सटीक नीतियों के अभाव के कारण हो रहा है. बसु ने कहा कि पूर्ववर्ती वाममोरचा सरकार के सत्ता में रहने के दौरान राज्य में बादुड़िया जैसी घटना नहीं घटी. यहां तक जब देश के कई हिस्सों में तनाव का माहौल था तब भी पश्चिम बंगाल का माहौल शांतिपूर्ण बना हुआ था. गत कुछ वर्षों में स्थिति बदली है.

आरोप के अनुसार भाजपा और तृणमूल कांग्रेस की नीतियों में कोई फर्क नहीं है. बसु ने कहा कि माकपा समेत कई वामपंथी दलों ने बादुड़िया की स्थिति स्वाभाविक करने के लिए सर्वदलीय बैठक की मांग की थी लेकिन राज्य सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने राज्य के लोगों को सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ खड़ा होने का आह्वान किया है.

माकपा राज्य कमेटी के सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने राज्य में पुलिस व प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाये हैं. उन्होंने कहा कि यदि पुलिस पहले से सतर्क होती तो संभवत: बादुड़िया का माहौल नहीं बिगड़ता. उन्होंने तमाम राज्यवासियों से सांप्रदायिक सौहार्द्र व एकता कायम रखने की मांग की है. इधर भाकपा (माले) के कार्तिक पाल ने कहा है कि दार्जिलिंग की स्थिति भी विषम बनी हुई है. राज्य सरकार को वहां की स्थिति स्वाभाविक करने के लिए बातचीत करनी चाहिए.

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