सिप एकेडमी की राज्य स्तरीय एबेकस, ब्रेन जिम एंड मेंटल अर्थमेटिक प्रतियोगिता में 3500 बच्चों ने भाग लिया
कोलकाता : बच्चे देश का भविष्य हैं. उनके अंदर प्रतिभा की कमी नहीं है. उनकी स्मरण शक्ति भी काफी अच्छी होती है. पढ़ाई में उनकी एकाग्रता व अात्मविश्वास बढ़ाने के लिए एसआइपी एकेडमी की स्थापना की गयी. इस एकेडमी के जरिये बच्चों की क्षमता व दक्षता को आैर विकसित करने की कोशिश की जाती है. यह जानकारी नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित सिप एकेडमी द्वारा आयोजित सिप प्रोडिजी 2017 (स्टेट लेबल एबेकस, ब्रेन जिम एंड मेंटल अर्थमेटिक कंपिटिशन) में एसआइपी एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक दिनेश विक्टर ने दी. उनका कहना है कि पढ़ाई में बहुत बच्चों को मैथमेटिक्स जैसे विषय से डर लगता है.
एबेकस के अभ्यास से वे अंकों का एक चित्र मन में बना लेते हैं, तो गणित को याद रखना उनके लिए आसान हो जाता है. एबेकस से गणित के प्रति उनका डर खत्म हो जाता है. सप्ताह में दो दिन दो घंटे के अभ्यास से उनकी एकाग्रता व आत्मविश्वास बढ़ने लगता है. इस एबेकस एकेडमी में 5 से 18 साल के बच्चे प्रशिक्षण ले सकते हैं. पूरे देश में एसआइपी एकेडमी के 650 सेंटर चल रहे हैं. राज्य स्तर पर हुए एबेकस, ब्रेन जिम व मेंटल अर्थमेटिक प्रतियोगिता में रविवार को 7 से 14 साल के 3500 बच्चों ने भाग लिया. पश्चिम बंगाल में 98 सिप एबेकस लर्निंग सेंटर चल रहे हैं.
यह एकेडमी भारत की एकमात्र एबेकस कंपनी है, जो तीन एबेकस एंड मेंटल अर्थमेटिक प्रतियोगिता देश व विदेश में आयोजित करती है. नेताजी इंडोर स्टेडियम में छात्रों को एकाग्रता, आत्मविश्वास, काैशलता व गति के आधार पर जांचा गया. उनका टेस्ट लिया गया व विजेताओं को पुरस्कार दिया गया. कार्यक्रम में सिप एकेडमी की राज्य प्रमुख (पश्चिम बंगाल व सिक्किम) जानकी वेंकटरमानी ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं.
भूमंडलीकरण के इस दाैर में उनकी दक्षता को विकसित कर उन्हें तैयार किया जा सकता है. यह एकेडमी बच्चों की दक्षता बढ़ाने का एक संगठन है, जिसका मुख्यालय चेन्नई में है. बच्चों की विजुअल स्मरण शक्ति, सुनने की क्षमता, रचनात्मकता, संवाद, अर्थमेटिक दक्षता व आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कई एकेडमी कई प्रोग्राम कराती है. यह विश्व की एक ऐसी एकेडमी है, जो बच्चों की मानसिक कैलक्युलेटिव दक्षता को पांच गुना बढ़ा देती है.
कोलकाता में इसका कामकाज 2005 में शुरू किया गया. राज्य में 11500 बच्चे अभी सिप कार्यक्रम से जुड़े हैं. साउथ प्वाइंट हाइस्कूल, डॉन बास्को, सेंट जेवियर्स जैसे कई अन्य नामी स्कूल इससे जुड़े हुए हैं. हम चाहते हैं कि आनेवाले समय में एबेकस से गांव के बच्चे भी जुड़ें व उनका बाैद्धिक विकास हो. विश्व स्तरीय प्रोग्राम एबेकस के जरिये बच्चों की एकाग्रता, मेमोरी व मानसिक शक्ति बढ़ायी जाती है. इससे उनकी पढ़ाई पर भी अच्छा असर पड़ रहा है. कार्यक्रम में जाने-माने शिक्षाविद प्रो डॉ सुमन मुखर्जी, उद्योगपति शिव प्रकाश मित्तल, भारतीय विद्या भवन की प्रिंसिपल डॉ रेखा वैश्य, ला मार्टिनीयर स्कूल के वाइस प्रिंसिपल, गायक सुरोजती चटर्जी सहित कई लोग उपस्थित थे. भाग लेनेवाले बच्चों के अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित थे.