उनका कहना है कि अर्थव्यवस्था एक जुलाई से जीएसटी अपनाने को तैयार नहीं है और सभी नियमों और प्रक्रियाओं को अधिसूचित करने के लिए अभी कम से कम छह महीने और चाहिए.
उन्होंने कहा : हमने बार-बार आग्रह किया कि जीएसटी को ठीक ढंग से लागू करने के लिए कुछ और समय दिया जाना चाहिए, लेकिन उसे नजरअंदाज किया गया. पूरा कारोबारी समुदाय विशेष तौर पर छोटे और मध्यम श्रेणी के कारोबारी भ्रमित हैं और डरे हुए हैं. इस पहल को कुप्रबंधित ढंग से पेश किये जाने के लिए कुछ ही घंटे बचे हैं और लोग इससे आशंकित हैं. बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान कर व्यवस्था में 20 अलग -अलग प्रकार के टैक्स हैं और हम महसूस करते हैं कि एक टैक्स व्यवस्था और सभी बाजारों को जोड़ने से सभी को बड़ी राहत मिलेगी. वर्तमान केंद्र सरकार ने सात साल से अधिक समय तक जीएसटी का विरोध किया था और अचानक पलटते हुए इसकी सबसे बड़ी पैरोकार हो गयी. ममता ने कहा कि हमारा मानना है कि अर्थव्यवस्था एक जुलाई से जीएसटी अपनाने को तैयार नहीं है और सभी नियमों और प्रक्रियाओं को अधिसूचित करने के लिए अभी कम से कम छह महीने और चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे संसदीय दल ने विरोधस्वरूप 30 जून 2017 की मध्यरात्रि को संसद भवन में जीएसटी पेश करने के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय किया है. ममता बनर्जी ने कहा कि भारत के कपड़ा उद्योग द्वारा तीन दिनों की हड़ताल की घोषणा हमारी उन चिंताओं के संदर्भ में सबूत है कि इस बारे में पूरी तैयारी नहीं है. उन्होंने कहा कि छोटे कारोबारी लेखा व्यवस्था, आईटी प्रणाली जैसे बुनियादी जरूरतों को लेकर अभी तैयार नहीं हैं.
इसके साथ ही रिटर्न फार्म को भी पहले छह महीने के लिए सरल बनाने की जरूरत है. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि इन सबके बिना अफरातफरीवाली स्थिति पैदा हो जाएगी जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी. उन्होंने कहा : मुझे उम्मीद है कि लोगों और कारोबारियों की आवाज केंद्र सरकार सुनेगी.