कोलकाता: चिट फंड संस्था रमैल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्री के एजेंट सपन मजुमदार (42) की खुदकुशी के बाद परिवार में आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गयी है. वह अपने परिवार का एक मात्र कमाने वाला व्यक्ति था. उसकी पत्नी संता मजुमदार का कहना है कि उनका एक 17 साल का बेटा और एक 14 साल की बेटी है. बेटा अगले वर्ष उच्च माध्यमिक की परीक्षा देगा. परिवार में अन्य कोई कमानेवाला नहीं है.
गौरतलब है कि सपन गत तीन साल से बेलघरिया-सोदपुर अंचल में रमैल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्री का एजेंट था. उसने इस दौरान 65 से ज्यादा निवेशकों से 17 लाख रुपये से ज्यादा रकम जमा करवाया था. इसके पहले वह प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाता था. इलाके में उसकी छवि साफ सुथरा इंसान के तौर पर थी. उसकी पत्नी संता मजुमदार ने बताया कि गत शुक्रवार को सोदपुर के शहीद नगर में रमैल के ऑफिस के सामने सैकड़ों निवेशकों ने अपनी रकम वापस लौटने की मांग में प्रदर्शन किया था. इसके बाद पुलिस ने ऑफिस को सील कर वहां से सात कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था.
इसके बाद से सपन काफी आतंकित था. उसके मन में आतंक भर गया था कि घर के बाहर निकलने पर उसके निवेशक उसे पीट कर मार डालेंगे. इस आतंक की वजह से वह गत कई दिनों से घर से बाहर निकल रहा था. संता मजुमदार ने बताया कि ज्यादातर उसके निवेशक उसकी काफी करीबी थे, कंपनी के बंद होने के बाद उसके निवेशक उस पर किसी प्रकार को दोषारोपण भी नहीं किये थे, इसके बावजूद हमेशा घर में निवेशकों से मार खाने की बात कहता रहता था.
उसके मन में लोगों की पिटाई का खौफ छा गया था. शनिवार रात घर में दिखायी न पड़ने पर उसने उसे खोजना आरंभ किया. वह दो मंजिली इमारत के बरामद में साड़ी से झूलते हुआ मिला. बेलघरिया के नंदननगर स्थित उसके घर से उसे पानीहाटी अस्पताल में ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया. घोला थाने में अस्वभाविक मौत का मामला दर्ज किया गया.