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दार्जीलिंग संकट: माकपा नेता ने फायरिंग के लिए पुलिसकर्मियों को ठहराया जिम्मेदार, बिमल गुरुंग के पास खड़े हुए अशोक भट्टाचार्य

सिलीगुड़ी. भाषा विवाद तथा अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर दार्जीलिंग में गोजमुमो द्वारा निकाली गई रैली में पुलिस फायरिंग से तीन लोग मारे गये थे. इस मामले को लेकर सिंहमारी थाना पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए गोजमुमो सुप्रीमो बिमल गुरूंग तथा उनकी पत्नी आशा गुरूंग के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया […]

सिलीगुड़ी. भाषा विवाद तथा अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर दार्जीलिंग में गोजमुमो द्वारा निकाली गई रैली में पुलिस फायरिंग से तीन लोग मारे गये थे. इस मामले को लेकर सिंहमारी थाना पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए गोजमुमो सुप्रीमो बिमल गुरूंग तथा उनकी पत्नी आशा गुरूंग के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है. पुलिस की इस कार्रवाई की सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर तथा माकपा विधायक अशोक भट्टाचार्य ने कड़ी निंदा की है.

वह शुक्रवार को पार्टी कार्यालय अनिल विश्वास भवन में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि यह सभी जानते हैं कि तीन गोजमुमो समर्थकों की पुलिस फायरिंग में मौत हुई है. पुलिस ने गोली चलायी और उलटे बिमल गुरूंग तथा उनकी पत्नी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया. यह एक तरह से उकसावे की कार्रवाई है. पुलिस के इस रवैये से पहाड़ का मामला सुलझेगा नहीं, बल्कि और उलझ जायेगा.

उन्होंने पूरे मामले की जांच कर फायरिंग करने वाले पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार करने की मांग की है. श्री भट्टाचार्य ने पहाड़ की स्थिति को विस्फोटक बताया. उन्होंने दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र के इस हालात के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की जिद की वजह से पहाड़ पर गोरखालैंड आंदोलन ने इतना उग्र रूप धारण कर लिया है. राज्य सरकार के अड़ियल रवैये से इस समस्या का समाधान नहीं होगा. भाषा तथा गोरखालैंड एक भावनात्मक मुद्दा है. इससे निपटने के लिए राज्य सरकार को अपने रूख को लचीला करना होगा. उन्होंने इस मुद्दे पर राज्य सरकार, केन्द्र सरकार तथा गोजमुमो को लेकर तत्काल त्रिपक्षीय बैठक बुलाने की मांग की. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा राज्य सरकार पर जीटीए को कमजोर करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) का गठन त्रिपक्षीय समझौते के दौरान पहाड़ पर शांति बहाली तथा प्रशासनिक काम-काज के लिए हुआ था. राज्य सरकार जीटीए के गठन के बाद से ही उसके काम-काज में हस्तक्षेप कर रही है. जीटीए को कमजोर करने नहीं, बल्कि इसको और अधिक शक्तिशाली करने की जरूरत है.

एक जुलाई को जाएंगे पहाड़
अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि एक जुलाई को माकपा के साथ ही कांग्रेस की एक टीम भी पहाड़ जायेगी. माकपा टीम की अगुवायी रायगंज के सांसद मोहम्मद सलीम करेंगे. उन्होंने माकपा एवं कांग्रेस की टीम के साथ जाने से इंकार किया. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि दोनों टीमें अलग-अलग दार्जीलिंग जायेगी. वहां पुलिस फायरिंग में मृत गोजमुमो समर्थकों के परिवार वालों से मुलाकात करेंगे. पुलिस फायरिंग में घायल लोगों से भी बातचीत की जायेगी. इसके अलावा दार्जीलिंग के मोरचा विधायक तथा दार्जीलिंग नगरपालिका के पार्षदों से भी बातचीत करेंगे.
सरकारी सर्वदलीय बैठक फेल
अशोक भट्टाचार्य ने राज्य सरकार द्वारा बृहस्पतिवार को सिलीगुड़ी में आयोजित सर्वदलीय बैठक को पूरी तरह से फेल बताया. उन्होंने कहा कि पहाड़ पर आग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लगायी है. ऐसे में सर्वदलीय बैठक में उनको उपस्थित रहना चाहिए था. वह नहीं आयीं. वह विदेश दौरे पर गयी हुई हैं. राज्य के मंत्री सर्वदलीय बैठक कर रहे हैं. सरकार की गलत नीतियों की वजह से ही किसी भी पार्टी ने सर्वदलीय बैठक में हिस्सा नहीं लिया. बसपा तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों को दिखावे के लिए सर्वदलीय बैठक में रखा गया था. बैठक के फेल होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर विभिन्न जातियों के लिए गठित विकास बोर्ड के अधिकांश सदस्य ही नहीं आये. मुख्यमंत्री ने पहाड़ पर 15 जातियों के लिए विकास बोर्ड का गठन किया है. इनमें से सिर्फ दो ही बोर्ड के प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए.

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