अभिनेता प्रसनजीत चटर्जी, फिल्मकार, कौशिक गांगुली, अरिंदम सील आदि जीएसटी के इस फैसले को क्षेत्रीय सिनेमा की मौत बता रहे हैं. टॉलीवुड के अधिकतर अभिनेताआें, निर्माता, निर्देशकों, तकनीशियनों का मानना है कि जीएसटी का इतना बड़ा स्लैब केवल बांग्ला फिल्मों को ही नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रीय फिल्म उद्योग को तबाह कर देगा. बांग्ला फिल्म उद्योग की इस आशंका के बीच एक अच्छी खबर यह आयी है कि राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने बांग्ला सिनेमा पर जीएसटी में अपने हिस्सो को पूरी तरह माफ कर दिया है.
100 रुपये से कम दाम के टिकट पर राज्य सरकार का नौ प्रतिशत है, जबकि 100 रुपये से अधिक दाम के सिनेमा के टिकट पर राज्य सरकार की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत है. इस फैसले के बाद राज्य सरकार सिनेमा टिकटों पर अपनी हिस्सेदारी पूरी तरह वापस कर देगी. पर फिल्म निर्माताआें को राज्य सरकार की इस घोषणा का तत्काल लाभ नहीं मिलेगा. फिलहाल उन्हें केंद्र सरकार द्वारा की गयी घोषणा के अनुसार ही जीएसटी चुकाना पड़ेगा. चूंकि ममता सरकार ने फिलहाल छूट का एलान किया है, इसलिए इसका लाभ पाने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा. चूंकि यह एक लंबी प्रक्रिया है, इसलिए निर्माताआें को राज्य सरकार द्वारा माफ किये गये हिस्सेदारी का रिफंड पाने में समय लगेगा.