सिलीगुड़ी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह कभी दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र को बिलखते नहीं देख सकती. इस इलाके के साथ उनका दिल का रिश्ता है. वह पहाड़ को तहे दिल से चाहती हैं. यही वजह है कि वह बार-बार पहाड़ पर आती हैं. यह बात विरोधियों को खलती है. यही वजह है कि उनके पहाड़ दौरे पर विरोधी विकास की नहीं, बल्कि हिंसा, आगजनी, तोड़-फोड़, पत्थरबाजी की बातें करते हैं. किसी विरोधी पार्टी का नाम लिये बगैर गोरखा जनमुक्ति मोरचा पर यह तल्ख तेवर ममता ने शनिवार को सिलीगुड़ी से सटे फूलबाड़ी-कामरांगागुड़ी स्थित मिनी सचिवालय ‘उत्तरकन्या’ में उच्चस्तरीय प्रशासनिक बैठक के बाद प्रेस-वार्ता के दौरान मीडिया के सामने दिखाया.
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पहाड़ को सुलगानेवालों को दीदी की चेतावनी दार्जीलिंग को बिलखते नहीं देख सकती
सिलीगुड़ी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह कभी दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र को बिलखते नहीं देख सकती. इस इलाके के साथ उनका दिल का रिश्ता है. वह पहाड़ को तहे दिल से चाहती हैं. यही वजह है कि वह बार-बार पहाड़ पर आती हैं. यह बात विरोधियों को खलती है. यही वजह है कि उनके […]
दीदी ने पहाड़ सुलगानेवालों को चेतावनी देते हुए कहा कि बंद और आंदोलन किसी भी कीमत पर बरदाश्त नहीं किया जायेगा. हिंसा भड़कानेवालों पर कानून अपने तरीके से काम करेगा. उन्होंने कहा कि पहाड़ के विकास के लिए सरकार बार-बार विरोधियों से समझौता करती है. लेकिन पहाड़ के विरोधी राजनीतिक दल विकास की भाषा नहीं समझते. अब समझौता और संभव नहीं है. उन्होंने दावे के साथ कहा कि चाय बागानों और चाय श्रमिकों का जितना विकास उनके कार्यकाल में हुआ है, इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ.
जीटीए का ऑडिट कराने का एलान: उत्तरकन्या में प्रशासनिक बैठक के दौरान ही ममता ने जीटीए को लेकर तल्ख तेवर दिखाते हुए ऑडिट करने का एलान किया. जीटीए के ऑडिट को लेकर दीदी का कहना है कि नवान्न के 12 अधिकारियों की एक टीम गठित की जायेगी, जो अगस्त महीने के अंदर करोड़ों रुपये का ऑडिट रिपोर्ट पेश करेगी. उन्होंने बताया कि जीटीए को पहाड़ के विकास के मद में अब तक 1592 करोड़ रुपये मिल चुका है, जिसका कोई हिसाब-किताब नहीं है. ममता ने जीटीए में इन करोड़ों रुपये का बड़ा हेर-फेर होने की संभावना जतायी है. दीदी ने कहा कि वह जीटीए से पाई-पाई का हिसाब लेंगी. एक रुपये का भी हेर-फेर बरदाश्त नहीं किया जायेगा.
सैलानियों के लिए रविवार को भी बस परिसेवा
उत्तरकन्या से ही ममता ने एलान किया है कि सैलानियों के लिए रविवार को भी पहाड़ पर सरकारी बसों की परिसेवा जारी रहेगी. सैलानियों को लेकर सरकार काफी गंभीर है. उनकी सुरक्षा और सुख-सुविधाओं में किसी तरह की कोताही नहीं की जायेगी. इसके लिए उन्होंने आला अधिकारियों को कई तरह के जरूरी निर्देश भी दिये.
दीदी की क्लास में अधिकारियों की हाजिरी
उत्तरकन्या में दीदी की क्लास में सिलीगुड़ी और जलपाईगुड़ी जिलों के आला अधिकारियों ने हाजिरी लगायी. दीदी की इस क्लास में गृह सचिव बासुदेव बनर्जी के अलावा पुलिस महानिदेशक (उत्तर बंगाल) नटराजन रमेश बाबू, जलपाईगुड़ी जिला अधिकारी रचना भगत, पुलिस अधीक्षक अमिताभ माइती, एसजेडीए की सीइओ दीपप प्रिया पी, सिलीगुड़ी महकमा के एसडीओ हरिशंकर पणिक्कर, सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नर सीएस लेप्चा, डीसीपी ट्रैफिक सुनील यादव के अलावा अन्य कई बड़े अधिकारी मौजूद थे. इस दौरान दीदी ने सबों को सैलानियों के साथ-साथ आम जनता की सुख-सुविधा और सुरक्षा को लेकर कई जरूरी निर्देश भी दिये.
मुख्यमंत्री लौटीं कोलकाता
छह दिवसीय पहाड़ दौरे के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को हवाई मार्ग से कोलकाता लौट गयीं. पांच दिनों तक दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में प्रवास करने के बाद शुक्रवार को रात में उन्होंने पहाड़ छोड़ा. आधी रात के करीब ममता अचानक सड़क मार्ग से दार्जिलिंग से सिलीगुड़ी के लिए रवाना हुईं. उन्होंने देर रात सिलीगुड़ी पहुंचकर मिनी सचिवालय, उत्तरकन्या स्थित बंग्लो में विश्राम किया. शनिवार को दिन में उत्तरकन्या के सभाकक्ष में प्रशासनिक बैठक करने के बाद वह अपराह्न तीन बजे अपने विशाल काफिले के साथ सड़क मार्ग से सीधे बागडोगरा एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गयीं.
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