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राज्य में ऑटिज्म टाउनशिप बनायेगी सरकार

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार के शहरी विकास व नगरपालिका मामलों के विभाग की ओर से महानगर में ऑटिज्म टाउनशिप का निर्माण किया जायेगा. यह जानकारी राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने दी. उन्होंने बताया कि दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर रोड पर उस्ती के पास शिराकोल में लगभग 50 एकड़ […]

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार के शहरी विकास व नगरपालिका मामलों के विभाग की ओर से महानगर में ऑटिज्म टाउनशिप का निर्माण किया जायेगा. यह जानकारी राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने दी. उन्होंने बताया कि दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर रोड पर उस्ती के पास शिराकोल में लगभग 50 एकड़ जमीन पर टाउनशिप का निर्माण किया जायेगा और इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लगभग 600 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.

यह टाउनशिप एक निजी कंपनी द्वारा तैयार किया जायेगा और इसका निर्माण कार्य अगले चार वर्षों में पूरा हो जायेगा. उन्होंने बताया कि इस प्रकार का टाउनशिप सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में पहली बार बनाया जा रहा है. यहां पर एक हॉस्पिटल का निर्माण किया जायेगा, इसके साथ ही आवासीय कॉम्पलेक्स, एक स्कूल, केयर सेंटर, कांफ्रेंस हॉल, प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण किया जायेगा, जिससे ऑटिज्म से पीड़ित लोगों को यहां रख कर बेहतर ट्रीटमेंट किया जा सके. इसके साथ ही यहां एक ऑटिज्म को लेकर एक कॉलेज की भी स्थापना करने की योजना बनायी है.

वहीं, व्यापार सम्मेलन में शहरी विकास विभाग को मिले निवेश के प्रस्ताव के संबंध में उन्होंने बताया कि इस बार के बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में सिर्फ शहरी विकास व इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में 39 हजार करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव मिला है, इन योजनाओं के क्रियान्वित होने पर राज्य में आधारभूत सुविधाओं की कमी का काफी हद तक समाधान हो जायेगा.
विकास संबंधी एक गंभीर विकार ऑटिज्म
प्रति 10,000 में से 20 व्यक्ति इससे प्रभावित
प्रति 10,000 में से 20 व्यक्ति इससे प्रभावित होते हैं और इससे प्रभावित व्यक्तियों में से 80 प्रतिशत लड़के होते हैं. यह समस्या विश्वभर में सभी वर्गों के लोगों में पाई जाती है. भारत में ऑटिज्म से ग्रस्त व्यक्तियों की संख्या लगभग 1 करोड़ 70 लाख है.
यह विकास संबंधी एक गंभीर विकार है, जो जीवन के प्रथम तीन वर्षों में होता है और व्यक्ति की सामाजिक कुशलता और संप्रेषण क्षमता पर विपरीत प्रभाव डालता है. इससे प्रभावित व्यक्ति कुछ खास व्यवहार-क्रियाओं को दोहराता रहता है. यह जीवनपर्यंत बना रहने वाला विकार है. ऑटिज्मग्रस्त व्यक्ति संवेदनाओं के प्रति असामान्य व्यवहार दर्शाते हैं, क्योंकि उनके एक या अधिक संवेदन प्रभावित होते हैं. इन सब समस्याओं का प्रभाव व्यक्ति के व्यवहार में दिखाई देता है, जैसे व्यक्तियों, वस्तुओं और घटनाओं से असामान्य तरीके से जुड़ना. ऑटिज्म का विस्तृत दायरा है. इसके लक्षणों की गंभीरता सीखने और सामाजिक अनुकूलता के क्षेत्र में साधारण कमी से लेकर गंभीर क्षति तक हो सकती है, क्योंकि एक या अनेक समस्याएँ और अत्यधिक असामान्य व्यवहार स्थिति को गंभीर बना सकता है.
ऑटिज्म के साथ अन्य समस्या भी हो सकती है, जैसे- मानसिक विकलांगता, मिर्गी, बोलने व सुनने में कठिनाई आदि. यह बहुत कम होने वाली समस्या नहीं है, बल्कि विकास संबंधी विकारों में इसका तीसरा स्थान है.
यहां तक कि इससे प्रभावित होने वाले व्यक्तियों की संख्या डाउन सिन्ड्रोम की अपेक्षा अधिक है.

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