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बंगाल के मंत्री ने कहा : तीन तलाक था, तीन तलाक है और तीन तलाक रहेगा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हम नहीं मानते, यह असंवैधानिक है

कोलकाता:पश्चिम बंगाल के सर्वशिक्षा व ग्रंथागार राज्य मंत्री मौलाना सिद्दिकुल्ला चौधरी ने तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए इसे ‘असंवैधानिक’ बताया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बुधवार को पश्चिम बंगाल जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद की एक बैठक हुई. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए श्री चौधरी ने कहा […]

कोलकाता:पश्चिम बंगाल के सर्वशिक्षा व ग्रंथागार राज्य मंत्री मौलाना सिद्दिकुल्ला चौधरी ने तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए इसे ‘असंवैधानिक’ बताया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बुधवार को पश्चिम बंगाल जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद की एक बैठक हुई.

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि 1937 में तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने शरीयत कानून को मान्यता दी थी. इसके बाद 1950 में भारतीय संविधान की तैयारी के समय एक बार फिर तीन तलाक को मान्यता दी गयी. अब 83 वर्ष के बाद यह असंवैधानिक हो गया.

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उन्होंने कहा कि संविधान ने हमें अपने शरीयत को मानने का मौलिक अधिकार दिया है. फिर इसे असंवैधानिक कैसे बताया जा रहा है. संविधान द्वारा स्वीकृत किसी कानून को क्या सुप्रीम कोर्ट को असंवैधानिक बताने का अधिकार है? अगर यही स्थिति है, तो घोषणा कर दें कि हम संविधान को नहीं मानते हैं.

मंत्री ने कहा कि किसी भी संसद या अदालत को शरीयत को बदलने या तलाक के मुद्दे पर कानून बनाने का अधिकार नहीं है. अगर ऐसा करना है, तो पहले भारतीय संविधान से मौलिक अधिकार को खत्म किया जाये, तभी यह संभव हो पायेगा.

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उन्होंने कहा कि मुसलिम पर्सन लॉ में सुप्रीम कोर्ट अथवा केंद्र सरकार काे हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है, वह असंवैधानिक है, उसे हम नहीं मानेंगे. इस मुद्दे पर दिल्ली में जमीयत की केंद्रीय कमेटी की बैठक में भविष्य का कार्यक्रम तैयार किया जायेगा. वहीं, राज्य में जमीयत आगामी 28 अगस्त को एक सम्मेलन का आयोजन करेगा, जिसमें इस मुद्दे पर विस्तार से चर्च की जायेगी.

अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि जजों ने कोई कानून नहीं बनाया है, बल्कि उन्होंने इस पर अपनी राय दी है. तीन तलाक का कानून 1400 वर्ष पुराना है. तीन तलाक था, तीन तलाक है आैर तीन तलाक रहेगा.

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वैसे उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि तीन तलाक कानून का गलत इस्तेमाल हुआ है. सर्वशिक्षा व ग्रंथागार राज्य मंत्री ने कहा कि कोई महिला अगर इस कानून के गलत व्यवहार से पीड़ित हैं, तो हम उनके साथ हैं. कानून का गलत इस्तेमाल बंद होना चाहिए. इसके लिए माहौल तैयार करना होगा.

उन्होंने कहा कि महिलाआें का शोषण न हो, इस पर नजर रखनी होगी. उसके लिए रिव्यू कमेटी बनायें. श्री चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय, राज्य व ब्लॉक स्तर पर कमेटी का गठन किया जाये. हालांकि, अंत में उन्होंने कहा कि उनके इस बयान से तृणमूल कांग्रेस या पश्चिम बंगाल सरकार का कोई लेना-देना नहीं है. वह जमीयत के प्रदेश अध्यक्ष हैंऔरउसी नाते यह बयान दे रहे हैं.

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