26.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Bengal News: मां की बात नहीं मानने पर पड़ा पछताना, साढ़े तीन वर्ष बाद मिली बच्ची अपने परिवार से, जानें मामला

Bengal News In Hindi : गुजरात के एक रेलवे स्टेशन पर पानी भरने ट्रेन से उतरने के बाद परिवार से बिछड़ गयी थी बच्ची. मां ने कई बार मना किया, लेकिन फिर भी बोतल में पानी भरने उतर गयी थी ट्रेन से. ट्रेन छूट जाने पर दूसरी ट्रेन के उसी रंग के कोच को देख उसमें हो गयी सवार, पहुंच गयी जलपाईगुड़ी. लगातार साढ़े तीन वर्ष सेफ होम में रहने के बाद बच्ची को वापस मिला उसका परिवार. अंबरीश नाग विश्वास ने बताया कि कागजी कार्रवाई पूरी होने पर कुमकुम को उसके परिजनों को सौंप दिया जायेगा.`

कोलकाता: मां की बात को नहीं मानना सात वर्ष की एक बच्ची को काफी भारी पड़ा. गुजरात से अनजाने में वह ट्रेन में सवार होकर जलपाईगुड़ी पहुंच गयी. घर का पता नहीं बता पाने के कारण वहां उसे साढ़े तीन वर्षों तक सेफ होम में रहकर परिवार से बिछड़ने का दर्द भी सहना पड़ा. आखिरकार पश्चिम बंगाल हैम रेडियो क्लब के सदस्यों की मेहनत से अब 11 वर्ष की हो चुकी इस बच्ची के घर का पता चल पाया. जल्द परिवार के सदस्यों से वह मिलेगी. माता-पिता के अलावा भाई-बहन का प्यार अब उसे फिर से नसीब हो सकेगा. कागजी कार्रवाई होने के बाद उसे उसके परिजनों को सौंप दिया जायेगा.

पश्चिम बंगाल हैम रेडियो क्लब के सचिव अंबरीश नाग विश्वास ने बताया कि उन्हें जलपाईगुड़ी स्थित एक चाइल्ड होम ने संपर्क कर कुमकुम (11) नामक एक बच्ची के बारे में बताया. उन्हें बताया गया कि वर्ष 2017 के अगस्त महीने से यह बच्ची उनके होम में रह रही है. वह अपने घर, गांव, शहर का पता नहीं बता पा रही है. सिर्फ बिहार और दिल्ली बोल रही है. हर तरीके से उसका घर ढूंढ़ने की कोशिश की गयी, लेकिन सफलता नहीं मिली. इस कारण होम ने हैम रेडियो क्लब के सदस्यों से संपर्क किया है.

अंबरीश नाग विश्वास ने बताया कि बच्ची के बारे में विस्तृत जानकारी लेकर उन्होंने सभी राज्यों में सक्रिय हैम रेडियो क्लब के सदस्यों को इसकी सूचना दी. सदस्यों की कड़ी मेहनत रंग लायी. उन्हें पता चला कि वह बच्ची गुजरात के नेल्लोर जिले के नंदीशाला गांव की रहनेवाली है. उसके माता-पिता और भाई-बहनों ने बच्ची की तस्वीर देख उसे पहचान लिया. इधर, बच्ची भी अपने भाई-बहन के साथ माता-पिता को पहचान गयी और खुश होकर उनसे मिलने की जिद करने लगी.

Also Read: तो, बाकी बचे चार चरणों का मतदान एक फेज में, सोशल मीडिया यूजर्स की मांग, 16 को आयोग की बड़ी बैठक

कुमकुम के परिजनों ने बताया कि 2017 के अगस्त महीने में वे अपने एक रिश्तेदार से मिलने गुजरात जा रहे थे. ट्रेन खुलने के पहले कुमकुम बोतल में पानी भरने के लिए ट्रेन से उतरी थी. इसी बीच ट्रेन खुल गयी. काफी कोशिशों के बावजूद उसके परिजन चलती ट्रेन से नीचे नहीं उतर पाये. अगले स्टेशन पर उतर कर जब दूसरी ट्रेन से वे वापस लौटे, तो कुमकुम उस स्टेशन पर नहीं थी. तब से वे उसे तलाश रहे थे.

इधर, लापता कुमकुम ने बताया कि उनके माता-पिता जिस ट्रेन में सवार थे, उसके चले जाने के बाद एक और ट्रेन उस स्टेशन पर आकर रुकी. दोनों ट्रेन के कोच का रंग एक जैसा देख कर वह उस पर सवार होकर जलपाईगुड़ी पहुंच गयी. वहां रेलवे पुलिस चाइल्ड लाइन के सदस्यों ने उसे चाइल्ड होम में पहुंचा दिया. तब से वह परिवार से मिलने के लिए रोज आस लगाये रहती थी. कुमकुम का कहना है कि मां की बात नहीं सुनने के कारण मुझे यह सजा मिली. अब परिवार के सदस्यों को पाकर संकल्प करती हूं कि माता-पिता का कहना हमेशा मानूंगी. वे हमारे मार्गदर्शक हैं. अंबरीश नाग विश्वास ने बताया कि कागजी कार्रवाई पूरी होने पर कुमकुम को उसके परिजनों को सौंप दिया जायेगा.`

Also Read: WB Election Fifth Phase LIVE: बीरभूम के नानूर विधानसभा क्षेत्र में TMC नेता की धमकी, CPM को वोट दिया को हाथ काट लिया जाएगा

Posted By: Aditi Singh

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें