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सावधान ! कोयलांचल के किशोरों में क्राइम के प्रति बढ़ रहा क्रेज

बेरोजगारी के साथ गर्ल फ्रेंड व ऐय्याशी प्रमुख कारण आसनसोल : आसनसोल की युवा पीढ़ी खासकर नाबालिग युवक अपराध की दुनिया में तेजी से प्रवेश कर रहे हैं. उनकी सक्रियता कोयलांचल से लेकर पड़ोसी राज्यों तक है. ऐसा नहीं है कि वे बेरोजगारी या गरीबी के कारण अपराध जगत को चुन रहे हैं, बल्कि इसके […]

बेरोजगारी के साथ गर्ल फ्रेंड व ऐय्याशी प्रमुख कारण
आसनसोल : आसनसोल की युवा पीढ़ी खासकर नाबालिग युवक अपराध की दुनिया में तेजी से प्रवेश कर रहे हैं. उनकी सक्रियता कोयलांचल से लेकर पड़ोसी राज्यों तक है. ऐसा नहीं है कि वे बेरोजगारी या गरीबी के कारण अपराध जगत को चुन रहे हैं, बल्कि इसके साथ-साथ अपनी गल्र्स फ्रेंड्स का खर्चा उठा कर उन्हें इम्प्रेसिव करने, मस्ती व खुशहाली जीवन बिताने तथा रूटीन लाइफ से अलग इंज्वाय करने के लिए अपराध कर रहे हैं. एम अपराधों में चोरी, चेन छिनतई तथा लूट की घटनाएं अधिक हो रही है.
अपराध निष्पादन के क्षेत्र में काफी अनुभवी रहे पुलिस अधिकारी देव ज्योति साहा ने भी स्वीकार किया कि कोयलांचल के किशोर विभिन्न कारणों से अपराध से जुड़ रह है.
इस दिशा में यदि सामाजिक पहल नहीं हुई तथा उनके परिजनों ने यदि सचेतना नहीं बरती तो आनेवाला समय काफी दु:खदायी होगा. उन्होंने कहा कि इन दिनों विभिन्न मदों में युवकों खासकर गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों के नाबालिग युवकों के खर्च बढ़ गये हैं.
उन्हें महंगी बाइक, महंगा जीवन स्तर, महंगे मोबाइल, होटल तथा गल्र्स फ्रेंड्स के लिए काफी पैसा चाहिये. घर से यह राशि नहीं मिलने पर वे आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें आसानी से पैसा मिल जाता है. इसके लिए शातिर अपराधियों का गिरोह भी सक्रिय है, जो उन्हें इसका प्रशिक्षण भी देते हैं.
बाइक से चेन स्नेकिंग करनेवाले अधिसंख्य अपराधी 18 से 25 वर्ष की उम्र के अपराधी है. जबकि मोबाइल चोरी की घटनाओं में नौ वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक की उम्र के किशोर शामिल हैं.
पश्चिम बंगाल के आपराधिक आंक ड़े भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं कि अपराध में किशोरों की संख्या बढ़ रही है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंक ड़ों के अनुसार वर्ष 2010 में 54,487 किशोर की संलिप्तता विभिन्न आपराधिक घटनाओं में पायी गयी थी. लेकिन वर्ष 2014 में इनकी संख्या बढ़ कर 65 हजार से अधिक हो गयी है.
गृह विभाग के आंक ड़े भी इसी तरह की कहानी कह रह ेहैं. एनसीआरबी मध्य अगस्त में वर्ष 2014 के आपराधिक वारदातों के बारे में अधिकृत ब्यौरा सार्वजनिक करेगा. लेकिन सव्रे से जुड़े पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2014 में राज्य में हुई आपराधिक घटनाओं में से 44 फीसदी आपराधिक घटनाओं में 12 वर्ष से लेकर 28 वर्ष तक की उम्र के अपराधी जुड़े हुए हैं.
केस नंबर एक
धनबाद जिले के बैंक मोड़ थाने में हुई आपराधिक घटना में थाना पुलिस ने कुल्टी व आसनसोल से चार नाबालिग बच्चों को गिरफ्तार किया. सभी ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की. उन्होंने पुलिस को बताया कि धनबाद के एक अपराधी ने उन्हें चोरी करने के लिए अपने गिरोह में शामिल किया था. धनबाद में अपराध करने के बाद वे वापस आसनसोल व कुल्टी लौट आते थे. किसी को शक भी नहीं होता था. आधा दर्जन से अधिक घटनाओं को उन्होंने अंजाम दिया था.
केस नंबर दो
बराकर फांड़ी रोड स्थित व्यवसायी के बंद आवास से सरेशाम एक लाख रूपये नगद सहित लाखों रूपये मूल्य की सामग्रियों की चोरी पिछले सप्ताह हुई थी. पुलिस ने 24 घंटों के अंदर ही व्यवसायी के एक नाबालिग रिश्तेदार को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया. पहले तो उसने खुद को इस घटना से अनजान बताया. क ड़ाई से पूछताछ करने पर वह टूट गया.
उसने स्वीकार किया कि आसनसोल व बर्नपुर के तीन नाबालिग लड़कों की मदद से उसने इसे अंजाम दिया है. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर चोरी गयी सामग्री बरामद की. उन्हें बाल सुधार गृह बर्दवान भेजा गया है.
केस नंबर तीन
भूवनेश्वर (उड़ीसा) कमीश्नरेट के नया पल्ली थाना पुलिस ने 19 जून को कीमती मोबाइल फोन की चोरी करनेवाले गिरोह को गिरफ्तार किया. इसके सभी छह सदस्य 11 से 15 साल के बीच के थे. इसका सरगना साहेबगंज (झारखंड) निवासी संग्राम नोनिया तथा कोऑर्डिनेटर आसनसोल निवासी सुरेश नोनिया है.
सुरेश ही चुराये गये कीमती मोबाइल सेटों को पड़ोसी राज्यों में खपाता था. वह कोयलांचल के कई किशोरों को अपने गिरोह में शामिल कर रखा है. उन्हें वह आठ हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक का वेतन देता है. वे होटल में ठहरते हैं.

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