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ठेका श्रमिकों को मिले 15 हजार वेतन

आंदोलन. वामपंथी ट्रेड यूनियनों ने किया कानून भंग, दीं गिरफ्तारियां दुर्गापुर : सीटू, इंटक, एटक, बीएमएस,एचएमएस, यूटीयूसी, टीयूसीसी ने विभिन्न मांगों को लेकर दुर्गापुर महकमाशासक कार्यालय के समक्ष कानून भंग किया. मौके पर सीटू नेता वंशगोपाल चौधरी, गौरांगो चटर्जी, बीएमएस के अजरुन मल्लिक, सुशील पांडे, सुनील यादव, इंटक के विकास घटक, उमापद दास, एटक के […]

आंदोलन. वामपंथी ट्रेड यूनियनों ने किया कानून भंग, दीं गिरफ्तारियां
दुर्गापुर : सीटू, इंटक, एटक, बीएमएस,एचएमएस, यूटीयूसी, टीयूसीसी ने विभिन्न मांगों को लेकर दुर्गापुर महकमाशासक कार्यालय के समक्ष कानून भंग किया. मौके पर सीटू नेता वंशगोपाल चौधरी, गौरांगो चटर्जी, बीएमएस के अजरुन मल्लिक, सुशील पांडे, सुनील यादव, इंटक के विकास घटक, उमापद दास, एटक के रवि ठाकुर, यूटीयूसी के ए मल्लिक एवं सैकड़ों की संख्या में श्रमिकों ने कानून तोड़ते हुए गिरफ्तारियां दीं. पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर बाद में छोड़ दिया.
सीटू नेता वंशगोपाल चौधरी ने कहा कि राज्य में परिवर्तन कर तृणमूल को सत्ता सौंपकर राज्यवासियों ने विकास का सपना देखा था. लेकिन इसके बदले चिटफंड कंपनियों एवं सिंडिकेट का विकास हुआ. पांच प्रमुख ट्रेड यूनियनों को महत्व न देकर इस्पात और कोयला उद्योग में प्रबंधन एक ही यूनियन को महत्व दे रहा है. उन्होंने कहा कि कोयला खनन इलाके में वर्षो से रहने वालों को हटाकर ओसीपी के माध्यम से कोयला उत्पादन किया जा रहा है. उन्हें न पुनर्वासन दिया जा रहा है और न ही उनके रोजगार की कोई व्यवस्था की जा रही है. स्थानीय निवासियों को नौकरी न देकर बाहरी लोगों को काम दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि ठेका श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी 15 हजार रुपये देने, उन्हें इएसआई, पीएफ, ग्रेच्युटी देने, उद्योग में ट्रेड यूनियनों को महत्व देने की मांग की गयी है. गिरफ्तारी के समय दुर्गापुर थाना पुलिस के अलावे एडीसीपी अमिताभ माइती उपस्थित थे.
बांकुड़ा में यूनियनों का कानून भंग आंदोलन
बांकुड़ा : श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा, उन्हें 15 हजार रुपये मासिक वेतन देने की मांग समेत दस सूत्री मांगों के समर्थन में श्रमिक संगठनों ने जिलाशासक कार्यालय प्रांगण में कानून भंग आंदोलन किया.
इसमें आइएनटीटीयूसी को छोड़कर सीटू, एआइटीयूसी, यूटीयूसी, 12 जुलाई कमेटी समेत अन्य आठ केंद्रीय ट्रेड यूनियन के नेता व श्रमिक शामिल हुये. सभी श्रमिक संगठन के सदस्य तामलीबांध मैदान के निकट एकत्रित हुए. यहां से रैली की शक्ल में जिलाशासक कार्यालय की ओर बढ़े. कानून भंग करने के वक्त श्रमिक नेताओं, पुलिस के बीच धक्का मुक्की की नौबत आ गयी. स्थिति अनियंत्रित होते देख पुलिस ने नेताओं एवं सदस्यों को गिरफ्तार कर थाने ले गयी. बाद में कागजाती कार्रवाई कर इन्हें छोड़ दिया गया.
यूनियन नेता गंगा गोस्वामी ने कहा कि श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा, श्रमिकों को 15 हजार रुपये मासिक वेतन देने की मांग समेत दस सूत्री मांगों को लेकर जिला शासक कार्यालय प्रांगण में कानून भंग आंदोलन किया गया. एक हजार श्रमिक उपस्थित हुये. इसमें आइएनटीटीयूसी को छोड़ सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियने शामिल हुयीं. मौके पर सीटू नेता समेंदु मुखर्जी, एटक नेता आनंद घोष हाजरा, 12 जुलाई कमेटी के प्रणव मुखर्जी आदि उपस्थित थे.
बंद हो श्रमिकों का शोषण
आद्रा : पुरुलिया जिलाशासक कार्यालय एवं रघुनाथपुर अनुमंडल कार्यालय के समक्ष सभी वामपंथी श्रमिक संगठनों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत कानून भंग आंदोलन किया. पूर्व सांसद वासुदेव आचार्य, पूर्व विधायक निखिल चक्रवर्ती माकपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी इसमें हिस्सा लिया. जिला शासक तथा एसडीओ को ज्ञापन सौंपा गया. वामपंथी श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार महंगायी पर अंकुश नहीं लगा रही है. राज्य सरकार इस पर चुप्पी साध कर बैठी है. आम जनता, श्रमिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
श्रमिक को कम से कम 15 हजार रुपये मासिक वेतन प्रदान करने, शोषण बंद करने की मांग की गयी है. श्रमिक संगठनों ने ऐलान किया कि केंद्र एवं राज्य सरकार इन मांगों पर शीघ्र अमल नहीं करेगी तो वृहद आंदोलन किया जायेगा.

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