प्रिंसिपल ने कहा, कॉलेज के लिए बड़ी उपलब्धि
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नैक के मूल्यांकन में बीबी कॉलेज को मिला बी-प्लस का दर्जा
प्रिंसिपल ने कहा, कॉलेज के लिए बड़ी उपलब्धि शोध, शैक्षणिक विस्तार एवं ढांचागत विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ आसनसोल : राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की नयी मूल्यांकन पद्धति में बीबी कॉलेज जिले का पहला कॉलेज बना जिसे बी-प्लस का दर्जा प्राप्त हुआ. कॉलेज प्रिंसिपल डॉ अमिताभ बासु ने इसे कॉलेज के लिए बड़ी […]
शोध, शैक्षणिक विस्तार एवं ढांचागत विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ
आसनसोल : राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की नयी मूल्यांकन पद्धति में बीबी कॉलेज जिले का पहला कॉलेज बना जिसे बी-प्लस का दर्जा प्राप्त हुआ. कॉलेज प्रिंसिपल डॉ अमिताभ बासु ने इसे कॉलेज के लिए बड़ी उपलब्धि बताते हुए इससे कॉलेज में शैक्षणिक गतिविधियों एवं विकासमूलक कार्यों में गति आने का दावा किया.
नैक मूल्यांकन से कॉलेज को विश्वविद्याल अनुदान आयोग (यूजीसी), केंद्र एवं राज्य स्तरीय संस्थानों से आर्थिक अनुदान, राज्य सरकार के उच्चतर शिक्षण संस्थान वित्तीय, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) से कॉलेज में शैक्षणिक विकास एवं शिक्षागत विस्तार के लिए राशि मिल सकेगी.
कॉलेज में शोध एवं विकास कार्यों, पुस्तकालय का विस्तार, ढांचागत विस्तार, प्रयोगशाला में नये अत्याधुनिक संयंत्रों का लाया जाना, अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी का आयोजन एवं शिक्षागत कार्यों में विस्तार एवं सामाजिक गतिविधियों में भागीदारी बढ़ेगी. ज्ञात हो कि बीबी कॉलेज में शैक्षणिक व्यवस्थाओं के मूल्यांकन एवं उपलब्ध ढांचागत संरचनाओं के श्रेणीकरण के लिए चार सदस्यीय नैक टीम जिनमें राधा गोविंद यूनिवर्सिटी रामगढ़ के उपकुलपति सह चेयरमैन नैक टीम मोहम्मद रजीउद्दीन, शंकराचार्य यूनिवर्सिटी केरल के प्रोफेसर फ्रांसिस ऐपी अराकाल, गोवा गवर्मेंट कॉलेज के प्राचार्य गर्वेसिओ एसएएफएल मेंडेंस, गणेश हेगड़े ने निरीक्षण किया था. ]\\
टीम सदस्यों ने कॉलेज के पूर्णकालिक, अतिथि, सहायक अध्यापकों की संख्या, विभिन्न विभागों, शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी के आधार पर अपनी रिपोर्ट दी थी. नैक टीम ने कॉलेज में मुआयने एवं मूल्यांकन के बाद कॉलेज को 88 प्रतिशित अंक दिये थे. प्रिंसिपल डॉ बासु ने कहा कि बीबी कॉलेज में 13 वर्ष बाद साल 2019 में नैक टीम ने मूल्यांकन कार्य किया है. इससे पहले वर्ष 2007 में मूल्यांकन किया गया था. दो मूल्यांकन अवधियों वर्ष 2012 एवं 2017 में नैक मूल्यांकन नहीं कराया गया. जिससे कॉलेज में कई विकासमूलक कार्य प्रभावित हुए हैँ
नैक मूल्यांकन के बाद विभिन्न संस्थानों से मिलने वाली राशि से कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठियों का आयोजन किया जा सकेगा. विज्ञान एवं भूगोल के विभागीय प्रयोगशालाओं में कई नये और अत्याधुनिक संयंत्रों की खरीद की जाएगी. कॉलेज में भवन निर्माण, पूर्व योजना के तहत मौजूदा भवनों में जरूरत के अनुरूप सुझाये गये निर्माण कार्यों का विस्तार किया जायेगा. पुस्तकालयों में और अधिक पुस्तकों का संग्रहण में मदद मिल सकेगी. केंद्रीकृत कंप्यूटर लैब विस्तार की योजना को क्रियान्वित किया जायेगा.
डॉ. बासु ने कहा कि 13 अगस्त 2018 में बतौर प्रिंसिपल पदभार ग्रहण के बाद उन्होंने कॉलेज में विकास के लिए नैक मूल्यांकन की अनुमति ली थी. जरूरी औपचारिकताओं एवं कई चरणों में रिपोर्ट जमा करने के बाद नैक की ओर से कॉलेज में मूल्यांकन की स्वीकृति दी गयी. नयी मूल्यांकन पद्धति की औपचारिकताओं के तहत कॉलेज स्तर से संस्थान को 164 पेपर और कई महत्वपूर्ण जानकारियों ऑनलाइन रिपोर्ट में भेजी गयी थी. जिसमें कॉलेज के 70 प्रतिशत ब्योरा ऑनलाइन भेजे गये थे. नैक टीम ने दिसंबर माह में कॉलेज का मुआयना किया और आयोग को रिपोर्ट भेजी.
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