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विषाक्त रासायनिक से कच्चे टमाटरों को लाल कर बाजार में भेज रहे किसान

पानागढ़ : पश्चिम बर्दवान जिले के दुर्गापुर अनुमंडल अंतर्गत कांकसा ब्लॉक के कई इलाके में अधिक लाभ के लालच में खेतों में लगाए गए हरे-भरे टमाटर को ही तोड़ कर विषाक्त रसायनिक देकर उसे लाल कर बाजार में भेजा जा रहा है. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक किसान ने बताया कि बाजार में […]

पानागढ़ : पश्चिम बर्दवान जिले के दुर्गापुर अनुमंडल अंतर्गत कांकसा ब्लॉक के कई इलाके में अधिक लाभ के लालच में खेतों में लगाए गए हरे-भरे टमाटर को ही तोड़ कर विषाक्त रसायनिक देकर उसे लाल कर बाजार में भेजा जा रहा है. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक किसान ने बताया कि बाजार में 20 से 30 रुपये प्रति किलो टमाटर की बिक्री हो रही है.

ऐसे में अधिक लाभ के लालच में ही कुछ किसान खेतों से कच्चे व हरे टमाटर को ही तोड़ कर उन्हें 24 घंटे के भीतर रसायनिक देकर पकाने के बाद बाजार में भेजा रहा हैं. उक्त किसान का कहना है कि उक्त रासायनिक से कितना नुकसान मानव शरीर को होगा, उन्हें इसका ज्ञान नहीं है. बताया जाता है कि ETHREL नामक उक्त रसायनिक देकर ही कच्चे तथा हरे टमाटर को लाल किया जा रहा है.

तथा उन्हें बाजार में बेचा जा रहा है. ब्लॉक के कई इलाकों में यह प्रक्रिया कुछ किसानों द्वारा की जा रही है .बताया जाता है कि दो सौ रुपये में मिलने वाले विषाक्त रासायनिक पदार्थ की कुछ बूंदे देकर उक्त टमाटरों को लाल किया जा रहा है. विश्वस्त सूत्र ने बताया कि 10 लीटर पानी में कुछ बूंदे डालने के बाद टमाटर पर स्प्रे कर उन्हें 24 घण्टे में लाल किया जाता है.

मामले को लेकर चिकित्सकों का कहना है कि उक्त केमिकल के देने से किडनी तथा हृदय संबंधित रोग के होने की आशंका बढ़ जाती है. कांकसा बीडीओ सुदीप्त भट्टाचार्य का कहना है कि उनलोगों के पास इस तरह का कोई टेक्नोलॉजी नहीं है जिससे कि पता लगाया जाए कि कौन इलाके से इस तरह के टमाटर को बाजार में भेजा जा रहा है. इसके बावजूद मामले को लेकर तहकीकात कर जांच की जाएगी.

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