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पुनर्वास परियोजना का कार्य शुरू करने के लिये जिला शासक को नागरिकों ने सौंपा ज्ञापन

आसनसोल : रानीगंज कोलफील्ड एरिया पुनर्वास परियोजना के तहत सालानपुर प्रखण्ड के नामोकेशिया में बन रही आवासीय नगरी का कार्य आदिवासियों के विरोध के कारण बंद होने के बाद स्थानीय नागरिकों ने इस परियोजना का कार्य तत्काल आरम्भ करने को लेकर जिलाशासक शशांक सेठी को ज्ञापन दिया. इसमें लोगों ने लिखा है कि इस परियोजना […]

आसनसोल : रानीगंज कोलफील्ड एरिया पुनर्वास परियोजना के तहत सालानपुर प्रखण्ड के नामोकेशिया में बन रही आवासीय नगरी का कार्य आदिवासियों के विरोध के कारण बंद होने के बाद स्थानीय नागरिकों ने इस परियोजना का कार्य तत्काल आरम्भ करने को लेकर जिलाशासक शशांक सेठी को ज्ञापन दिया.
इसमें लोगों ने लिखा है कि इस परियोजना का कार्य पूरा होने से इलाके का सर्वांगीण विकास होगा और सैकड़ों बेकारों के प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार का अवसर मिलेगा. इस कार्य को पूरा करने में वे लोग प्रशासन की हर प्रकार से मदद करेंगे. जिलाशासक श्री सेठी ने कहा कि आसनसोल सदर के महकमा शासक को प्रोजेक्ट साईट में जाकर स्थिति का जायजा लेने को कहा है. उनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
सनद रहे कि भूमिगत आग और धंसान प्रभावित 142 बस्तियों के लोगों को पुनर्वासित करने के लिये रानीगंज कोलफील्ड एरिया पुनर्वास परियोजना का कार्य आरंभ किया गया है. इसके तहत 40 हजार परिवारों को पुनर्वासित करना है. यह कार्य राज्य का हाउसिंह विभाग कर रहा है. पहले चरण में प्राप्त जमीन चार प्रखंडों सालानपुर, बाराबनी, जमुड़िया और अंडाल में आवासीय नगरी बनाने के कार्य के लिए निविदा जारी हुयी. इसके आधार पर वर्क ऑर्डर भी जारी हुआ.
सालानपुर प्रखण्ड के नामोकेशिया मौजा में 26 एकड़ सरकारी जमीन पर आवासीय नगरी में 1904 मकान बनाने का कार्य ब्रीज एंड रूफ कंपनी को मिला है. 14 मार्च 2018 को कंपनी ने यहां कार्य आरंभ किया. 16 मार्च को आदिवासियों ने इस प्रोजेक्ट का विरोध करते हुए कार्यरत कर्मियों के साथ जमकर मारपीट की. कंपनी यहां से कार्य बंद कर वापस लौट गयी.
प्रशासन की ओर से कार्य आरंभ कराने के लिए अनेकों बार बैठक की गयी लेकिन किसी बैठक में आदिवासी उपस्थित शामिल नहीं हुये. प्रशासन ने यहां दुबारा कार्य आरंभ कराई. तीन दिन बाद प्रशासन ने ही कंपनी के अधिकारियों को यह कहते हुए कार्य बंद करने को कहा कि आदिवासियों के साथ बैठक कर मामले को सुलझाने के बाद ही कार्य करें.
पिछले पांच माह से कार्य बंद रहने के कारण इस प्रोजेक्ट को अन्य कहीं शिफ्ट करने की सूचना पाकर स्थानीय लोग गोलबंद हुये. स्थानीय कार्तिक चौधरी, प्रशांत मरांडी, प्रदीप गिरी आदि ने बताया कि इस इलाके में यह आवासीय नगरी बनने से सैकड़ों लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से कार्य मिलेगा. कुछ लोग आदिवासियों को मोहरा बनाकर यह प्रोजेक्ट को बंद करना चाहते हैं.
इसके विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. इसमें सैकड़ों लोगों ने इस प्रोजेक्ट के यहां बनने के पक्ष में हस्ताक्षर किया. इसे जिलाशासक को भेजा गया. यह सभी लोग प्रोजेक्ट का कार्य आरंभ होने से प्रशासन की हर प्रकार से मदद करने को तैयार है. यह प्रोजेक्ट यहां बनने से इलाके का सर्वांगीण विकास होगा.
जिलाशासक श्री सेठी ने कहा कि आसनसोल सदर के महकमा शासक को कहा गया कि वे प्रोजेक्ट साइट का निरीक्षण करें और स्थानीय आदिवासियों के विरोध का क्या कारण है इसकी जांच कर रिपोर्ट दें. उनकी रिपोर्ट आते ही आगे की कार्रवाई की जायेगी. स्थानीय सैकड़ों लोगों ने इस प्रोजेक्ट के पक्ष में अपनी सहमति जताकर ज्ञापन भेजा है. यह एक अच्छी पहल है.

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