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भारी तोड़फोड़, कड़ी सुरक्षा में निकाले गये अधीक्षक

आसनसोल : बांकुडा जिला अंतर्गत गंगाजलघाटी थाना निवासी असीम मुखर्जी (36) की मौत के लिए चिकित्सकों को जिम्मेवार ठहराते हुए उसके परिजनों ने शुक्रवार को विवेकानंद सरणी (सेनरेले रोड) स्थित आसनसोल इएसआई अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की. अस्पताल के इमर्जेंसी कक्ष के दरवाजे, खिड़कियां, कुर्सी, मेज, गैलरी क्षतिग्रस्त हो गयी. आक्रोशित परिजन ए जिम्मेवार चिकित्सक, […]

आसनसोल : बांकुडा जिला अंतर्गत गंगाजलघाटी थाना निवासी असीम मुखर्जी (36) की मौत के लिए चिकित्सकों को जिम्मेवार ठहराते हुए उसके परिजनों ने शुक्रवार को विवेकानंद सरणी (सेनरेले रोड) स्थित आसनसोल इएसआई अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की. अस्पताल के इमर्जेंसी कक्ष के दरवाजे, खिड़कियां, कुर्सी, मेज, गैलरी क्षतिग्रस्त हो गयी.
आक्रोशित परिजन ए जिम्मेवार चिकित्सक, नर्स और अधीक्षक डॉ आशिष बनर्जी को बुलाने की मांग पर अड़े थे. मृतक एमटीपीएस में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत था. सूचना पाकर बोरो चेयरमैन अनिमेष दास ने मृतक के परिजनों से घटना की जानकारी ली. श्री दास ने घटना को दुखद बताते हुए मृतक के परिजनों को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया.
उन्होंने मृतक के आश्रित को नौकरी देने का आश्वासन दिया. श्री दास ने कहा कि घटना की जांच की जायेगी. दोषी पाये जाने वाले कर्मचारी पर कार्रवाई की जायेगी. घटना के तीन घंटे बाद अस्पताल के अधीक्षक डॉ बनर्जी के अस्पताल पहुंचते ही आक्रोशित परिजनों ने आपा खो दिया.
मृतक के बड़े भाई संजय ने कहा कि तीन घंटे तक उनका भाई तड़पता रहा. किसी चिकित्सक, नर्स, स्टॉफ ने मदद नहीं की. अधीक्षक भी उपस्थित नहीं थे. परिजनों के आक्रोश को देखते हुए वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने डॉ बनर्जी को कवर कर अस्पताल से निकालने की कोशिश की. उसी क्रम में मृतक की दो बहनों ने उनके वाहन को केंद्र कर ईंट फेंका जिससे वाहन का शीशा टूट गया.
दोनों बहन वाहन के आगे खड़ी हो गयीं और उन्हें वाहन से उतारने का प्रयास किया. पुलिस बलों ने भारी मशक्कत के बाद परिजनों को वाहन के सामने से हटाया और डॉ बनर्जी के वाहन को किसी तरह अस्पताल परिसर से बाहर निकाला गया. परिजनों ने कहा कि इंसाफ मिलने तक वे वहीं अस्पताल परिसर में शव के साथ डटीं रहेंगी. उन्हें उनके भाई की मौत का इंसाफ चाहिए.
मृतक के बड़े भाई संजय ने कहा कि तीन दिनों पहले ही कमर दर्द की शिकायत को लेकर असीम को इएसआई अस्पताल में भरती कराया गया था. असीम बांकुडा से कल्याणपुर हाउसिंग स्थित उनके आवास आया था. परिजनों ने उसे सही सलामत अस्पताल में भरती कराया था. तीन दिनों तक अस्पताल में उनका भाई पड़ा रहा. चिकित्सकों ने उसकी तकलीफ को गंभीरता से नहीं लिया.
दोपहर को एचएलजी अस्पताल में सीटी स्कैन कराया गया. सीटी स्कैन में सब कुछ सामान्य पाया गया. असीम को सकुशल इएसआई लाया गया. कुछ देर बाद अचानक ही उसकी तबियत बिगडने लगी. उसने सांस फुलने और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत बताते हुए डॉक्टर को बुलाने को कहा. बुलाने पर भी कोई चिकित्सक, नर्स मौके पर नहीं आया. नर्स काफी देर बाद आयी.
परिजन एक चेंबर से दूसरे चेंबर चिकित्सकों से उसे देखने के लिए चक्कर काटते रहे परंतु कोई मदद नहीं मिली. मृतक के छोटे साला दिव्येंदू गांगूली ने कहा कि अस्पताल के चिकित्सकों ने उसके जीजा को उसके हाल पर छोड़ दिया. परिजनों के आक्रोश को देखते हुए द्वितीय पाली में कार्यरत चिकित्सक, नर्स और स्टॉफ अस्पताल के प्रथम तल्ले के कमरे में जा छिपे और प्रथम तल्ले की ओर जाने वाले मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया गया. अस्पताल के लिफ्ट का विधुत कनेक्शन काट दिया गया और घटना के बाद से अस्पताल के सभी स्टॉफ सुरक्षित स्थानों पर जा छिपे.

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