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अंशदान कटौती की अधिसूचना जारी करने की तैयारी में जुटा है कोल इंडिया प्रबंधन
सांकतोड़िया : सीएमपीएफ में कोल प्रबंधन 14 फीसदी अंशदान कटौती करने की अधिसूचना जारी करने की तैयारी में जुटा है. पहले यह राशि करीब पांच फीसदी थी. दसवां वेतन समझौता के तहत हुए नए फैसले से कोलकर्मियों तथा कोल इंडिया को सात-सात फीसदी अंशदान करना होगा. सीएमपीएफ को तीस साल पेंशन चलाने के लिए 58 […]
सांकतोड़िया : सीएमपीएफ में कोल प्रबंधन 14 फीसदी अंशदान कटौती करने की अधिसूचना जारी करने की तैयारी में जुटा है. पहले यह राशि करीब पांच फीसदी थी. दसवां वेतन समझौता के तहत हुए नए फैसले से कोलकर्मियों तथा कोल इंडिया को सात-सात फीसदी अंशदान करना होगा. सीएमपीएफ को तीस साल पेंशन चलाने के लिए 58 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता है.
वर्तमान में कोलकर्मियों की 4.9 फीसदी राशि पेंशन मद में जमा होती है. इसमें सीआइएल इतनी ही राशि जमा करता है. नये समझौते के तहत दोनों पक्ष को सात-सात फीसदी राशि जमा कराना है. इस तरह सालाना 984 करोड़ रुपये की राशि कोल इंडिया में पेंशन मद में जमा हो सकेगी. बढ़े हुए दर के आधार पर कटौती अक्तूबर, 2017 से होगी.
भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश सचिव.जयनाथ चौबे ने कहा कि एक्युअरी पंडित एवं सेन कमेटी की रिपोर्ट में साफ किया गया है कि सात साल तक कोलकर्मियों को पेंशन का भुगतान करने पर 2023 तक पेंशन फंड की राशि शून्य होने का खतरा है. अभी सीएमपीएफ में हर साल 825 से 850 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पेंशन फंड में फिलहाल 13383 करोड़ रुपये जमा हैं.
तीस साल तक पेंशन चलाने के लिए 58 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी, इसलिए सीएमपीएफ के साथ ही प्रबंधन एवं यूनियन प्रतिनिधि कवायद कर रहे हैं. रिटायर कर्मी अब पेंशन राशि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त कोलकर्मियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कोल इंडिया में लगभग 2.98 लाख कर्मी वर्तमान में कार्यरत हैं, जबकि इससे ज्यादा कर्मी रिटायर होने के बाद पेंशन उठा रहे हैं.
स्थिति यह है कि प्रति माह पेंशन मद में 191.14 से लेकर 193 करोड़ रुपये का भुगतान हो रहा है. सीएमपीएफ में सात-सात फीसदी राशि दसवां वेतन समझौता के मुताबिक अक्तूबर 2017 से किया जाना है, यानि 14 फीसदी राशि अक्तूबर से जमा होगी. गजट नोटिफिकेशन नहीं होने से मामला लटका हुआ है. जल्द ही नोटिफिकेशन होने के बाद कोल इंडिया को एरियर के तौर पर करीब 255 करोड़ से भी अधिक राशि सीएमपीएफ को देना पड़ेगा.
सेवानिवृत कोलकर्मियों का कहना है कि प्रत्येक माह की पहली तारीख को पेंशन का भुगतान हो जाता है, पर एक जून को रिटायर्ड कर्मियों का पेंशन भुगतान नहीं हो पाया. यूनियन प्रतिनिधियों ने आपत्ति जताई, तब कोल प्रबंधन ने सौ करोड़ रुपये सीएमपीएफ में जमा कराया. इसके बाद भुगतान की प्रक्रिया आरंभ की गई.
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