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बकाया एरियर का 70 फीसदी होगा भुगतान, पूर्व में बकाया एरियर में एडवांस में दिये थे 51 हजार रुपये

आसनसोल : देश के सार्वजनिक प्रतिष्ठान कोल इंडिया के करीब सवा तीन लाख कोलकर्मियों का दसवां वेतन समझौता का बकाया एरियर राशि भुगतान को लेकर कोल इंडिया ने आदेश जारी कर दिया है. कोल इंडिया के जीएम (पीएंडआईआर) के हस्ताक्षर से निकले इस पत्र में आगामी 15 जून के पहले सभी कोलकर्मियों के बकाया एरियर […]

आसनसोल : देश के सार्वजनिक प्रतिष्ठान कोल इंडिया के करीब सवा तीन लाख कोलकर्मियों का दसवां वेतन समझौता का बकाया एरियर राशि भुगतान को लेकर कोल इंडिया ने आदेश जारी कर दिया है. कोल इंडिया के जीएम (पीएंडआईआर) के हस्ताक्षर से निकले इस पत्र में आगामी 15 जून के पहले सभी कोलकर्मियों के बकाया एरियर राशि भुगतान करने को लेकर कोल इंडिया की सभी अनुषांगिक कंपनियों को निर्देश दिया गया है.
मालूम हो कि कोल इंडिया के नये चेयरमैन एके झा ने पूर्व में ही यूनियन नेताओं को संकेत दिया था कि जून माह में वेतन समझौता दस का एरियर भुगतान कर दिया जायेगा. वहीं अधिकारियों को 2016-17 यानि एक साल के पीआरपी को भी कोल इंडिया बोर्ड ने पिछली बैठक में ही स्वीकृति दे दी है. फिलहाल बकाया एरियर राशि में 70 फीसदी ही भुगतान का आदेश दिया गया है. 70 फीसदी भुगतान होने से कोलकर्मियों को न्यूनतम दस हजार रुपये से लेकर अधिकतम सवा लाख रुपये तक मिलेंगे.
हालांकि मजदूर संगठन से जु़डे नेताओं ने इसपर कुछ आपत्ति भी दर्ज करायी है. एटक नेता व जेबीसीसीआई सदस्य लखनलाल महतो ने कोल इंडिया प्रबंधन को लिखे पत्र में मांग किया है कि दसवां वेतन समझौता की अवधि में जो भी कोलकर्मी रिटायर हुए है उन्हें 70 फीसदी के बजाय एकमुश्त बकाया एरियर राशि का भुगतान सुनश्चिति किया जाये.
15 माह का मिलना है एरियर
कोयलाकर्मियों (गैर अधिकारियों) को 15 माह का एरियर मिलना है. 1 जुलाई 2016 से वेतन समझौता दस प्रभावी है. समझौते के बाद नया वेतनमान अक्तूबर 2017 से मिलना शुरू हुआ था. 15 माह के एरियर में से एक बार 51 हजार रुपये बतौर एडवांस मिला था. बताया गया कि 15 माह के एरियर में से 51 हजार रुपये को एडजस्ट (समायोजित) कर भुगतान किया जायेगा.
केंद्रीय विद्यालय चित्तरंजन में कक्षा 11-12 में कला की पढ़ाई हुई शुरू
रूपनारायणपुर : काफी सालों के प्रयास के बाद केंद्रीय विद्यालय संगठन ने केवि चित्तरंजन में कक्षा 11 और 12 के लिए मानविकी (कला) संकाय में पढ़ाई की मंजूरी दे दी. प्राचार्य पीके टेलर ने बताया कि यहां सिर्फ विज्ञान संकाय की पढ़ायी होती थी. शिक्षण सत्र 2018-19 से यहां विज्ञान के साथ साथ कला संकाय की भी पढ़ायी होगी. उन्होंने कहा कि दाखिले के लिए ऑफ लाईन प्रक्रिया जारी हो गयी है. ऑफिस के दिनों में आठ जून तक नामांकन के लिए रजिस्ट्रेसन फॉर्म दिए और संग्रह किये जायेंगे.
नामांकन केवि संगठन के नियमानुसार होगा. कला संकाय में कुल 40 सीट है. कक्षा दस में उतीर्ण होने वाले सभी छात्र कला संकाय में आवेदन कर सकते है. मेरिट के आधार पर 40 छात्रों का दाखिला लिया जायेगा. चित्तरंजन और आस पास के इलाकों में सीबीएसई में कक्षा 11 और 12 में कला संकाय की पढ़ाई चिरेका संचालित दो स्कूलों देशबंधु विद्यालय (बालक) और देशबंधु विद्यालय (बालिका) में ही होती है. चिरेका के इन स्कूलों में पहले यहां के कर्मियों के बच्चों के दाखिले के बाद सीट उपलब्ध होने पर मेरिट के आधार पर बाहरी छात्रों का दाखिला होता है. जबकि सीबीएसई की पढ़ायी चित्तरंजन सह पूरे सालानपुर प्रखण्ड में छः स्कूलों में होती है.
छह में से सिर्फ दो स्कूलों में ही कक्षा 11 और 12 में कला संकाय में पढ़ाई होती है. इन छह स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र जिनका दाखिला विज्ञान संकाय में नहीं हो पाता है या जो कला में पढ़ाई करना चाहते है, उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए बाहर जाना पड़ता है. इस विषय को ध्यान में रखकर केवि चित्तरंजन ने अपने विद्यालय में कला संकाय में पढ़ायी आरम्भ करने के लिए पिछले कई वर्षों से प्रयास कर रहा था.

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