- स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. बलदेव ठाकुर के अनुसार चमगादड़ों की लार या पेशाब के संपर्क में न आने से बचें.
- ऐसी जगहों पर भी न जाएं जहां पर चमगादड़ों का आना जाना लगा रहता हो.
- खासकर पेड़ से गिरे फलों को खाने से बचें.
- फलों को पानी में धोकर खाएं.
- संक्रमित सुअर और इंसानों के संपर्क में न आएं.
- जिन इलाकों में निपाह वायरस फैल गया है वहां न जाएं.
- व्यक्ति और पशुओं के पीने के पानी की टंकियों सहित बर्तनों को ढककर
- बाजार में कटे और खुले फल न खाएं.
- संक्रमित पशु के संपर्क में न आएं. खासकर सुअर के संपर्क में आने से बचें.
- निपाह वायरस के लक्षण पाए जाने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.
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सीएम के ननिहाल में निपाह का प्रकोप, एक बीमार
पानागढ़ : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ननिहाल यानी वीरभूम जिले के कुसुंबा गांव में चमगादड़ों की अधिकता से निपाह रोग फैलने की आशंका से ग्रामीणों में दहशत है. 18 दिनों से गांव के ही एक ग्रामीण देवप्रसाद बीमार होकर अस्पताल में भर्ती है. चकमण्डलपुर प्राथमिक अस्पताल में इलाज चल रहा है. मलेरिया टेस्ट […]
पानागढ़ : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ननिहाल यानी वीरभूम जिले के कुसुंबा गांव में चमगादड़ों की अधिकता से निपाह रोग फैलने की आशंका से ग्रामीणों में दहशत है. 18 दिनों से गांव के ही एक ग्रामीण देवप्रसाद बीमार होकर अस्पताल में भर्ती है. चकमण्डलपुर प्राथमिक अस्पताल में इलाज चल रहा है. मलेरिया टेस्ट होने के बाद रिपोर्ट में नेगेटिव पाया गया है. चिकित्सकों को अंदेशा है कि कहीं देवप्रसाद निपाह के संक्रमण से आक्रांत तो नहीं है.
हालांकि इस पर अब तक कोई रिपोर्ट नहीं आ पाई है. गांव के लोगों का कहना है कि निपाह के जीवाणुओं के संवाहक चमगादड़ा तथा सूअर है. सबसे ज्यादा यह वायरस चमगादड़ों से फैल रहा है. कुसुंबा गांव में हजारों की संख्या में चमगादड़ हैं. ऐसे में देव प्रसाद की बीमारी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. बीमारी नहीं पकड़ में आने के कारण गांव के लोगों में भी आशंका व्याप्त होती जा रही है. चिकित्सक जांच कर रहे हैं.
जिले के वीरचंद्रपुर गांव में भी चमगादड़ों की अधिकता से यहां के ग्रामीणों में भी निपाह के वायरस फैलने की आशंका प्रबल होती जा रही है. इस बाबत वन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया गया है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चमगादड़ों पर नजर रखी जा रही है. गांव में पोस्टर जारी कर चमगादड़ों के जूठे फल और मिट्टी पर गिरे फलों को नहीं खाने की हिदायत दी गयी है.
निपाह से बचें सावधानी बरतें
पेड़ पर चमगादड़ व नीचे सुअरों ने डाला डेरा
जलपाईगुड़ी. जलपाईगुड़ी शहर के 11 व 12 नंबर वार्ड के बीच आदरपाड़ा इलाके में यूकेलेप्टस पेड़ों पर हजारों चमगादड़ों का बसेरा है. वहीं आसपास सुअरों का भी जमावड़ा लगा हुआ है. यह स्थिति यहां वर्षों से बनी हुई है. इन दिनों पूरे देश में निपाह वायरस को लेकर आतंक है. इस बीमारी का संक्रमण इन्हीं दोनों जीवों से होनो बताया जा रहा है.
इसलिए अब आदरपाड़ा इलाके में पेड़ पर लटकते चमगादड़ों व सुआरों के जमावड़े से आतंक फैल रहा है. वर्ष 2001 में सिलीगुड़ी में निपाह वायरस के मरीज पाये गये थे. इसके बाद भी इलाकावासियों में इन चमगादड़ों की उपस्थिति से कोई परेशानी नहीं थी. उस समय जलपाईगुड़ी में इस बीमारी का कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया. लेकिन इनदिनों चमगादड़ों के साथ ही सुआरों की उपस्थिति इलाके में आतंक पैदा कर रही है. चमगादड़ के लार से इस बीमारी के वाइरस फैलते हैं.
यह पता चलते ही दोनों वार्ड के नागरिक आतंकित हैं. इस संबंध में जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी जगन्नाथ सरकार ने कहा कि निपाह वायरस को लेकर ब्लॉक के हर एक अस्पतालों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को सतर्क किया गया है. उनका कहना है कि एक ही स्थान पर चमगादड़ व सुअर चिंता का कारण हो सकता है. जलपाईगुड़ी नगरपालिका के सेनेटरी इंस्पेक्टर सहेश राजभर ने कहा कि केरल की घटना के बाद निपाह वायरस को लेकर वे काफी सचेत है. आदरपाड़ा इलाके में चमगादड़ों के निवासस्थान के पास सुअरों की घूमने को लेकर स्थानीय लोगों में चिंता है. इसके लिए जरुरी कार्रवायी की जायेगी. नगरपालिका की ओर से सुअर पकड़ने का अभियान चलाया जायेगा.
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